कर्ज चुकाने के लिए हिस्सा बेच रही आर्सेलरमित्तल | ईशिता आयान दत्त / कोलकाता December 23, 2019 | | | | |
विश्व की सबसे बड़ी स्टील निर्माता आर्सेलरमित्तल ने अपने पूर्ण स्वामित्व वाले जहाजरानी कारोबार ग्लोबल चार्टरिंग लिमिटेड की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए ड्रायलॉग लिमिटेड के साथ शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कवायद साल 2021 के मध्य तक अपने परिसंपत्ति पोर्टफोलियो से 2 अरब डॉलर निकालने की रणनीति का हिस्सा है।
इस करार के बाद ड्रायलॉग के साथ 50-50 फीसदी हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम गठित किया जाएगा। समूह के स्तर पर संपत्तियों के विनिवेश की घोषणा इस साल कंपनी ने की थी और यह काम भारत में पिछले हफ्ते 5.7 अरब डॉलर के एस्सार स्टील सौदे के पूरा होने के समय हो रहा है।
एस्सार स्टील का अधिग्रहण आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील ने दिवालिया संहिता के तहत संयुक्त रूप से किया है। संयुक्त उद्यम आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया का गठन हो चुका है, जिसके पास एस्सार स्टील का स्वामित्व है और वह इसका परिचालन भी कर रहा है। इस उद्यम में आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है जबकि निप्पॉन स्टील के पास बाकी हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियां आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के लिए वित्तीय व्यवस्था एक तिहाई साझेदारी इक्विटी और दो तिहाई कर्ज के जरिए कर रही हैं। यह कर्ज संयुक्त उद्यम का होगा। आर्सेलरमित्तल का इक्विटी योगदान हालांकि करीब 1.14 अरब डॉलर होगा, जो समूह के स्तर पर शुद्ध कर्ज के असर के तौर पर हो सकता है।
30 सितंबर 2019 को आर्सेलर का शुद्ध कर्ज 10.7 अरब डॉलर था और वह उसे 7 अरब डॉलर के नीचे लाने को प्रतिबद्ध है। हिस्सेदारी बिक्री और ड्रायलॉग संग संयुक्त उद्यम के गठन से अंतत: आर्सेलरमित्तल के शुद्ध कर्ज पर 53 करोड़ डॉलर का असर होगा। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी। ड्रायलॉग सौदा 2019 के आखिर से पहले पूरा होने की उम्मीद है।
ग्लोबल चार्टरिंग लिमिटेड अभी 28 ड्राई कार्गो जहाजों का परिचालन करती है जिसमें सुपरमैक्स से लेकर केप साइज शामिल है। यह लंबी अवधि के पट्टे पर है और इसमें से 25 संयुक्त उद्यम को हस्तांतरित किया जाएगा।
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