107 प्रतिशत रह सकता है अप्रैल-नवंबर का घाटा | अरूप रॉयचौधरी / नई दिल्ली December 18, 2019 | | | | |
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार का अप्रैल-नवंबर का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2019-20 के बजट लक्ष्य 7.04 लाख करोड़ रुपये का 107 प्रतिशत हो सकता है। अप्रैल-नवंबर 2018 में यह 114.8 प्रतिशत और इस साल अक्टूबर के अंत तक यह 102.4 प्रतिशत था। अप्रैल नवंबर के राजकोषीय घाटे का आधिकारिक आंकड़ा 31 दिसंबर को जारी होगा। एक अधिकारी ने कहा, 'नवंबर के अंत तक राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 107 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।' आंकड़ों के मुताबिक यह 7.53 लाख करोड़ रुपये होगा।
इसका मतलब यह होगा कि वित्त वर्ष के शेष महीनों में केंद्र सराकर को व्यय में भारी कटौती करनी पड़ेगी, जिसे कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा किया जा सके, जो बढ़कर जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। बहरहाल जैसा कि पहले खबर आई थी, नरेंद्र मोदी सरकार वित्त वर्ष 2019-10 के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य चूक सकती है। यह जीडीपी के 3.5 प्रतिशत से 3.8 प्रतिशत के बीच रह सकता है। इसके बारे में अंतिम अनुमान तब लगेगा, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को दिसंबर के मध्य तक अग्रिम कर के आंकड़े मिलेंगे। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होने पर ऐसा माना जा रहा है कि नॉमिनल जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 20 में 12 प्रतिशत रहेगी। अब अधिकारी मान रहे हैं कि नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 12 प्रतिशत के आसपास रहेगी। अप्रैल-जून के दौरान नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 6 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर के दौरान 6 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक ने हाल में जीडीपी वृद्धि 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, ऐसे में अगर 3 प्रतिशत सुस्ती पर नॉमिनल जीडीपी वृद्धि 8 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी।
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