जीएसटी संग्रह का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली December 17, 2019 | | | | |
राजस्व विभाग ने दिसंबर से मार्च 2019-20 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का मासिक लक्ष्य 1.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसमें से भी किसी एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह करना होगा। यह लक्ष्य इस वित्त वर्ष में अब तक हुए वास्तविक जीएसटी संग्रह की तुलना में काफी महत्त्वाकांक्षी है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर बोर्डों के सदस्यों व अधिकारियों के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और प्रत्यक्ष कर अधिकारियों से कहा कि कॉर्पोरेशन और व्यक्तिगत आयकर से 13.5 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह सुनिश्चित किया जाए, जो लक्ष्य बजट में 2019-20 के लिए रखा गया है, भले ही सरकार ने कॉर्पोरेशन कर में बदलाव किया है।
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि कॉर्पोरेशन कर दरों में कटौती की वजह से खजाने में 1.45 लाख करोड़ रुपये कम आने का अनुमान है, लेकिन अधिकारियों को यह साफ कर दिया गया है कि कम संग्रह होने पर इस तर्क को नहीं माना जाएगा। एक समाचार चैनल के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान पांडेय ने कहा था कि विभाग कॉर्पोरेशन कर में कटौती के बाद 1.45 लाख करोड़ रुपये की चपत लगने के अनुमान को ध्यान में रखते हुए 11 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीनों में से 4 महीने में जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा है और यह किसी भी महीने में बढ़कर 1.10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर नहीं गया है। दरअसल अधिकारियों की राजस्व बढ़ोतरी समिति बुधवार को जीएसटी परिषद के सामने अपनी प्रस्तुति देगा कि राजस्व बढ़ाने की क्या संभावनाएं है। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी अधिकारियों को कहा गया था कि वह सुनिश्चित करें कि अगर करदाताओं की ओर से जीएसटी रिटर्न नहीं दाखिल किया जाता है तो ई-वे बिल ब्लॉक करने, इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्लॉक करने और पंजीकरण रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
उद्योग और कारोबारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने आपूर्तिकर्ताओं से जीएसटी रिटर्न समय से दाखिल करने को कहें। ऐसा करने में असफल रहने पर खरीदारों को संभवत) इनपुट टैक्स क्रेडिट उन आपूर्तियों पर नहीं मिल सकेगा, जिन पर कर का भुगतान उनके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नहीं किया गया है। इसके अलावा जीएसटी रिटर्न की सूचना संबंधी आंकड़े आयकर विभाग को मुहैया कराए जाएंगे, जिससे टर्नओवर और आयकर में किसी तरह की विसंगति को पकड़ा जा सके और उचित कर वसूला जा सके। इसके अलावा पुराने बकायों की वसूली के लिए भी अगले 3 महीनों के दौरान अभियान चलाया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि राजस्व विभाग अगले 4 महीने के दौरान राजस्व संग्रह बढाऩे के कदमों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके लिए प्रधान मुख्य आयुक्तों व मुख्य आयुक्तों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर दोनों के बजट लक्ष्य को हासिल करें। अधिकारियों से कहा गया है कि वे नियमित रूप से हर सप्ताह फील्ड विजिट करें। सूत्रों ने कहा कि राजस्व सचिव खुद ही हर सप्ताहांत पर हर क्षेत्र में जाएंगे, जिससे संग्रह की कवायदों की निगरानी की जा सके। अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि इस तरह से क्षेत्र के दौरे के अभियान के दौरान किसी भी करदाता को समस्या नहीं होनी चाहिए।
यह भी माना जा रहा है कि जीएसटी और आयकर की सूचनाओं व अन्य वित्तीय सौदों को विभागों के साथ साझा किया जाएगा और कर चोरी करने वालों को सामने लाया जा सकेगा। अगर कोई करदाता सही कर सूचना साझा करने में चूक करता है तो उससे पुनरीक्षित रिटर्न दाखिल करने को कहा जाएगा।
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