नए आविष्कारों के साथ कदम बढ़ा रही इंटेल | नेहा अलावधी / December 15, 2019 | | | | |
इंटेल बखूबी जानती है कि समय के साथ होने वाले बदलाव को कैसे समायोजित किया जाए। पर्सनल कंप्यूटर काल से पहले एक बार बड़ी चुनौतियों का सामना कर चुकी कंपनी बाजार में हो रहे नए परिवर्तनों के हिसाब से अपने ट्रैक को बदलने के लिए तैयार है। कंपनी भंडारण, नेटवर्क सेवाएं, आईओटी उपकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर और एआई तकनीक आधारित उत्पादों के साथ डेटा से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र को लक्षित कर रही है। इंटेल की नई रणनीति में भारत का अहम स्थान होगा।
आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक भारतीय रोजाना विभिन्न उपकरणों के माध्यम से औसतन 13 गीगाबाइट (जीबी) डेटा का उपभोग करता है। इस डेटा के कारगर उपयोग पर काम कर रहे कारोबारियों के लिए एआई और 5जी तकनीक काफी अहम होंगी। चिप बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी से डेटा केंद्रित कंपनी की ओर इस बदलाव के साथ इंटेल 5जी नेटवर्क विकास एवं डेटा संग्रहण तथा प्रसंस्करण के नए तरीके खोजने के लिए नवोन्मेष पर काम कर रही है। इसकी स्थानीय शाखा, इंटेल इंडिया ने खुद को इस लक्ष्य के साथ जोड़ लिया है, और पिछले कई वर्षों में विकसित शोध एवं विकास (आरऐंडडी) क्षमताओं तथा मुख्य कंपनी द्वारा किए गए निवेश से लाभ मिलने की उम्मीद कर रही है।
भारत को लेकर इंटेल की रणनीति का सार यह है कि कंपनी डेटा स्टोरेज के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करने, स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा जैसे क्षेत्र में ऐप्लिकेशन-आधारित एआई अनुसंधान मॉडल विकसित करने और 5जी के आने से पैदा होने वाले व्यावसायिक अवसरों के दोहन पर टिकी हुई है। इंटेल की भारत प्रमुख निवृति राय कहती हैं, 'अमेरिका हमारे लिए सबसे बड़ा बाजार है और भारत दूसरे स्थान पर। हमने पिछले 20 वर्षों में भारत में $ 5 अरब डॉलर से अधिक राशि निवेश की है। अर्थात, प्रत्येक चार वर्ष में हमने एक अरब डॉलर की राशि खर्च की है। दूसरी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों और हमारे बीच यही अंतर है-हम वास्तव में निवेश करते हैं।'
वह कहती हैं कि इसकी मदद से हमें उभरती तकनीक, जैसे स्वचालित ड्राइविंग, प्रोग्रामेबल चिप, एनालिटिक्स, औद्योगिक ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और स्मार्ट सिटी प्रबंधन प्रणाली आदि पर काम करने में मदद मिली और भविष्य में इन सभी क्षेत्रों में भारी मांग की संभावना है। राय बताती हैं कि यही भविष्य का वह उद्देश्य है जिसके लिए कंपनी ने चिप और सेमीकंडक्टर से आगे बढऩे का फैसला लिया। इनमें से अधिकांश 5जी तकनीक के विकास से जुड़े हैं। मार्केट रिसर्च फर्म आईएचएस की 2017 की एक शोध रिपोर्ट में दिखाया गया है कि 5जी तकनीक वर्ष 2035 तक वैश्विक शृंखला उत्पादन में $3.5 लाख करोड़ डॉलर का योगदान देगी और 2.2 करोड़ नौकरियां पैदा करेगी। इसके अलावा अनुमान है कि 5जी तकनीक के आधार को मजबूत बनाने के लिए बाजार में औसतन 200 अरब डॉलर सालाना का निवेश होगा। राय कहती हैं, '4जी ने सभी को फोन से जोड़ा और 5जी सभी को आपस में जोड़ देगी। जो भी 'स्मार्ट' है, वह आपस में जुड़ जाएगा।' इस वर्ष की शुरुआत में इंटेल ने अपना स्मार्टफोन मोडम कारोबार करीब एक अरब डॉलर में ऐपल को बेच दिया था। इसने स्पष्ट कर दिया कि कंपनी गैर-स्मार्टफोन ऐप्लिकेशन क्षेत्र में 5जी तकनीक विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राय कहती हैं, 'अगर कोई एकमात्र ऐसी तकनीक है जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को दोगुना करने की क्षमता है तो वह 5जी तकनीक है।'
हालांकि उनका आशावादी होना गलत नहीं है। लगातार बढ़ते डेटा के साथ 5जी तकनीक का सफर बढ़ता जाएगा क्योंकि यह इसके ईंधन की तरह काम करेगा। राय कहती हैं, 'वर्ष 2025 तक दुनिया में 100 जेटाबाइट से अधिक डेटा होगा और इस डेटा का बड़ा हिस्सा पिछले पांच वर्षों में विकसित हुआ है। अगर हम स्मार्ट स्टोरेज समाधान की दिशा में काम नहीं करते हैं, तो इस तरह के डेटा को सहेजने में कई शहर बरबाद हो जाएंगे। इंटेल 3डी क्रास पॉइंट स्टोरेज तकनीक लेकर आई है। यह आपको पेन ड्राइव में भारी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम बनाएगी।'
अनुप्रयोग के क्षेत्र
भारत में शहरी यातायात व्यवस्था के तहत वाहनों के चलने और सड़कों की स्थिति को देखा जा सकता है। इंटेल सड़क अनुभव प्रबंधन और उन्नत चालक सहायता प्रणाली जैसे टूल का उपयोग कर रही है जिससे चालक को छोटी सड़कों के साथ साथ दूसरे वाहन, ट्रैफिक सिग्नल और गढ्ढ़ों की भी जानकारी मिल सके। इस प्रणाली में तेज संचार व्यवस्था विकसित करने के लिए 5जी तकनीक का अहम योगदान होगा।
इंटेल डेटा ऐंड एनालिटिक्स क्षेत्र में भी काफी आगे निकल चुकी है। उदाहरण के लिए, एनालिटिक्स के क्षेत्र में इंटेल ने ऐसी तकनीक विकसित की है जो यातायात का 'हीट मैप' बना सकती है और वाहनों की भीड़ को सुचारु तौर पर व्यवस्थित करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स की लाइटों को धीमा/तेज कर सकती है। राय बताती हैं, 'हमने इस बात पर विचार किया कि किस तरह समाज में सकारात्मकता लाने के लिए कुछ उपायों को विकसित किया जा सकता है।'
वह कहती हैं कि 5जी ऐसी तकनीक है जहां सरकार, उद्योग, शैक्षणिक क्षेत्र के लोग एक साथ आकर निवेश कर सकते हैं क्योंकि इसके संभावित परिणाम काफी विस्तृत होंगे। हालांकि एआई तथा संबंधित तकनीकों के लिए नीतिगत सहायता को विकसित करना अहम कदम होगा और इंटेल इंडिया ने सहयोगियों के साथ मिलकर इस पर काम करना प्रारंभ कर दिया है। राय कहती हैं, 'एआई संबंधित नीतियां काफी महत्त्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, अगर एक स्वचलित कार से दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? हमने इंटरनैशनल सेंटर फॉर ट्रॉन्सफॉर्मेटिव एआई इन इंडिया (आईसीटीएआई) विकसित किया है।' आईसीटीएआई के तहत नीति आयोग, इंटेल और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के बीच एक साझेदारी है जिसके तहत स्वास्थ्य, कृषि और स्मार्ट मोबिलिटी जैसे अहम क्षेत्रों में एआई तकनीक आधारित उपाय विकसित किए जा सकें। इस साल फरवरी में इंटेल ने यूएसटी ग्लोबल के साथ मिलकर केरल सरकार के साथ साझेदारी की है जिसके तहत 'कोकोनिक्स' नामक नया लैपटॉप ब्रांड लॉन्च किया जाएगा। कोकोनिक्स सार्वजनिक-निजी साझेदारी वाला उपक्रम है जो सस्ती लैपटॉप बनाएगा।
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