जीएसटी चोरी रोकने के लिए लॉटरी योजना | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली December 12, 2019 | | | | |
विक्रेता से बिल की कॉपी मांगना अब ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ग्राहकों में बिल लेने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक लॉटरी योजना लाने पर विचार कर रही है। इस उपाय पर राजस्व संवद्र्घन अधिकारियों की समिति काम कर रही है, जिसका मकसद जीसटी संग्रह में इजाफा करना है। इस प्रस्ताव को 18 दिसंबर को वस्तु एवं सेवा कर परिषद की होने जा रही बैठक में विचार के लिए रखा जा सकता है। इस योजना के तहत उपभोक्ता कल्याण निधि का उपयोग भाग्यशाली विजेताओं को मासिक और वार्षिक आधार पर इनाम देने के लिए किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसी निधि में मुनाफाखोरी रोधी प्राप्तियों को जमा कराया जाता है। अभी ड्रॉ की रकम निश्चित नहीं की गई है लेकिन यह सालाना ड्रॉ के लिए कुछ लाख रुपये तक और मासिक ड्रॉ के लिए करीब 50,000 रुपये हो सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'इस योजना का मकसद उपभोक्ताओं को बिल की कॉपी मांगने के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे विक्रेताओं को जीएसटी का अनुपालन करना होगा और कर चुकाना होगा।
उदाहरण के तौर पर बहुत से ब्यूटी पार्लर और छोटे होटल बिल ग्राहकों को बिल नहीं देते हैं जहां काफी मात्रा में कर वंचन हो सकता है। लॉटरी योजना के तहत अच्छी खासी राशि दी जाएगी जिससे लोगों को इसमें भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।' लॉटरी योजना उपभोक्ता लेनदेन वाले जीएसटी व्यापार के लिए होगा। उपभोक्ताओं को एक समर्पित पोर्टल पर बिल अपलोड करना होगा जहां से विजेताओं का चुनाव किया जाएगा। केंद्र सरकार ने उपभोक्ता कल्याण निधि की स्थापना की थी। इसमें कंपनियों को ऐसे मुनाफे की रकम को जमा करने की अनुमति दी गई थी, जिसे उपभोक्ताओं को वापस नहीं किया जा सकता था। उपभोक्ता कल्याण निधि के संग्रह का उपयोग देश में उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए किया जाता है। जीएसटी के तहत मुनाफाखोरी रोधी नियमों के मुताबिक वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्तिकर्ताओं को ऐसे किसी आपूर्तियों में की गई किसी भी कटौती का आनुपातिक लाभ या इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्राप्तकर्ता को कीमतों में आनुपातिक कम कर देनी चाहिए।
हाल ही में एनएए ने नेस्ले को अंतिम उपभोक्ता तक कर कटौती का लाभ नहीं पहुंचाने पर 90 करोड़ रुपये उपभोक्ता कल्याण निधि में जमा कराने का आदेश दिया है। जीएसटी नेटवर्क भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड को लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगाय। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'अधिक संख्या में एजेंसियों को शामिल करने से विजेताओं के चयन में किसी तरह की धोखाधड़ी की गुंजाइश को कम होगी।'
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