154 साल पुराना शापूरजी पलोनजी समूह ऐसे समय में अपनी रियल एस्टेट इकाई पर दांव लगा रहा है, जब बड़े समूह की कई कंपनियां कर्ज से जूझ रही हैं और आवासीय संपत्ति का बाजार भी नरमी के दौर से गुजर रहा है। शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट अगले चार महीने में 10 नई परियोजनाएं शुरू करने और देश भर में अपनी मौजूदा परियोजनाओं में विकास के नए चरण आरंभ करने की संभावना तलाश रही है। उसकी प्रतिस्पद्र्घी गोदरेज प्रॉपर्टीज चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में 13 से 14 नई परियोजनाएं लाने या पहले से चल रही परियोजनाओं में नए चरण शुरू करने जा रही है।
शापूरजी की नई परियोजनाएं मुख्य रूप से मुंबई, पुणे, कोलकाता और मोहाली में शुरू की जाएंगी। ये परियोजनाएं प्रीमियम, लक्जरी और मध्य आय वर्ग की होंगी। समूह के पास मुख्य ब्रांड शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट (1 से 2 करोड़ रुपये के अपार्टमेंट) के अलावा मझोले आय वर्ग के लिए हाउसिंग ब्रांड जॉयविल (35 लाख से 1 करोड़ रुपय तक) और दिलीप ठक्कर के साथ पुनर्विकास के लिए संयुक्त उपक्रम एसडी कॉर्प भी है। जॉयविल शापूरजी, ऐक्टिस, एशियन डेवलपमेंट बैंक और इंटरनैशनल फाइनैंस कॉर्पोरेशन का संयुक्त उपक्रम है।
कुुल मिलाकर समूह ने अगले कुछ वर्षों में 8.8 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र का विकास करने की योजना बनाई है। इसकी तुलना में गोदरेज प्रॉपर्टीज के पास 17.5 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र निर्माणाधीन है। शापूरजी की करीब आधी आगामी परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम, संयुक्त विकास और विकास प्रबंधन अनुबंध के तहत बनाई जाएंगी। इनमें समूह ब्रांड शुल्क, मार्केटिंग और निर्माण के जरिये कमाई करेगी।
शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट के मुख्य कार्याधिकारी वेंकटेश गोपालकृष्णन ने कहा, 'नरमी वाले बाजार में भी हमारी विकास दर उचित है। मांग में इजाफा होगा। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी हम चरणबद्घ तरीके से परियोजनाएं पेश करते जाएंगे।' शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट अगले कुछ वर्षों में अपनी आय बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये करने की संभावना तलाश रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 4,000 करोड़ रुपये का है। गोपालकृष्णन ने कहा कि उनका उद्देश्य कंपनी को बिक्री के लिहाज से शीर्ष पांच डेवलपरों में शुमार करना है।
गोपालकृष्णन ने कहा कि हाल में लाई गई परियोजनाओं की बिक्री अच्छी रही है। उदाहरण के तौर पर ठाणे परियोजना शुरू होने के 9 महीने के भीतर ही 750 में से 600 अपार्टमेंट बिक गए। जॉयविल ब्रांड के तहत विकसित की जा रही गुरुग्राम परियोजना के 1,100 अपार्टमेंट में से 745 अपार्टमेंट की बिक्री हो चुकी है। यह परियोजना इस साल के आरंभ में ही शुरू हुई थी। वैसे गोपालकृष्णन का कहना है कि सभी परियोजनाएं बेचना इतना आसान भी नहीं है। उन्होंने कहा, 'बड़े आकार के अपार्टमेंट की मांग कम है। जब बाजार में नरमी है इसलिए हम ज्यादा कीमत नहीं वसूल सकते लेकिन वाजिब कीमत और समय पर आपूर्ति करने पर हमारा ध्यान है।'
गोपालकृष्णन ने कहा कि आवास ऋण आवंटन में कमी आने और उधारी आपूर्ति कम रहने से अगली कुछ तिमाहियों तक आवासीय बाजार में नरमी बनी रह सकती है। उन्होंने कहा कि शापूरजी पलोनजी रियल एस्टेट इस समूह के कुल आकार की तुलना में छोटी है लेकिन रियल एस्टेट कारोबार में मार्जिन समूह के मुख्य निर्माण कारोबार की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा, '30 फीसदी एबिटा के साथ 5,000 करोड़ रुपये की आय का समूह की कुल आय में अहम योगदान है।'
हालांकि समूह को अपनी देनदारी का भुगतान करने के लिए नकदी की जरूरत है। हाल ही में शापूरजी पलोनजी समूह और स्टर्लिंग ऐंड विलसन सोला के प्रवर्तक याजदी दारूवाला ने कंपनी के निदेशक मंडल से 2,341 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्भुगतान करने के लिए और मोहलत मांगी है। शापूरजी ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में अपनी करबी एक-तिहाई हिस्सेदारी बेच दी है और यूरेका फोब्र्स या फोब्र्स ऐंड कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रही है। 29 नवंबर को रेटिंग फर्म इक्रा ने शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी की रेटिंग घटा दी थी।
शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी के कार्यकारी निदेशक केकू कोला ने कहा कि रियल एस्टेट कारोबार का मार्जिन शुरुआती वर्षों की तुलना में कम हुआ है लेकिन परिपक्व बाजार इसी तरह आगे बढ़ता है। कंपनी के पास मुंबई के कोलाबा में 32 एकड़ जमीन भी है। महालक्ष्मी में डीलएफ हबटाउन संयुक्त उपक्रम में उसकी 21 लाख वर्ग फुट की परियोजना और मुंबई-पुणे राजमार्ग पर करीब 1,000 एकड़ जमीन है, जहां कंपनी चरणबद्घ तरीके से टाउनशिप बना रही है।