भारती टेलीकॉम ने सरकार से मांगी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत
एजेंसियां / नई दिल्ली December 08, 2019
भारती टेलीकॉम ने सिंगापुर की सिंगटेल और अन्य विदेशी कंपनियों से 4,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। इस कदम से देश की सबसे पुरानी निजी क्षेत्र की यह दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एक विदेशी इकाई बन जाएगी। भारती टेलीकॉम, भारती एयरटेल की प्रवर्तक कंपनी है। मामले से जुड़े एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि इस पूंजी निवेश से भारती टेलीकॉम में विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी से अधिक हो जाएगी, जिससे यह एक विदेशी स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी। वर्तमान में सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की भारती टेलीकॉम में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है।
भारती टेलीकॉम की भारती एयरटेल में करीब 41 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं विदेशी प्रवर्तक इकाइयों की इस फर्म में 21.46 फीसदी हिस्सेदारी है। इस कंपनी में सार्वजनिक शेयरधारिता करीब 37 फीसदी है। सूत्र ने कहा, भारती टेलीकॉम ने कंपनी में 4,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आवेदन किया है। इसमें सिंगटेल और कुछ अन्य विदेशी निवेशकों की ओर से होने वाला निवेश शामिल है। इसके साथ ही भारती टेलीकॉम विदेशी इकाई बन जाएगी क्योंकि इसकी बहुलांश हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों के पास होगी। दूरसंचार विभाग की तरफ से इसी महीने इस निवेश को मंजूरी देने की उम्मीद है।
दूरसंचार विभाग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में भारती एयरटेल के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आवेदन को खारिज कर दिया था क्योंकि कंपनी ने विदेशी निवेश के बारे में स्पष्ट नहीं किया था। सूत्र ने कहा कि वर्तमान में भारती एयरटेल में कुल विदेशी हिस्सेदारी 43 फीसदी है। प्रवर्तक इकाई भारती टेलीकॉम के विदेशी इकाई बन जाने के साथ ही कंपनी (भारती एयरटेल) में विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर 84 फीसदी के पार हो जाएगी। भारती एयरटेल पहले ही सिंगटेल व अन्य इकाइयों से रकम निवेश पर बातचीत कर रही है।
कंपनी ने अगस्त में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया था कि अपने कुछ कर्ज समाप्त करने के लिए भारती टेलिकॉम मौजूदा प्रवर्तक समूह से इक्विटी मांग सकती है, जिसमें विदेशी इकाई और सिंगटेल शामिल हो सकती है। भारती एयरटेल ने कहा है कि विदेशी इक्विटी में मामूली बढ़ोतरी से भारती टेलीकॉम में विदेशी निवेश 50 फीसदी के पार चली जाएगी, जिससे यह कंपनी विदेशी इकाई हो जाएगी।
भारती एयरटेल पहले ही कंपनी में 100 फीसदी एफडीआई के लिए आवेदन कर चुकी है। पिछले हफ्ते भारती एयरटेल के निदेशक मंडल ने क्यूआईपी, हिस्सा बिक्री और ऋण प्रतिभूतियों के जरिए 3 अरब डॉलर जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है क्योंकि कंपनी पर सरकार का 43,000 करोड़ रुपये एजीआर बकाया है।
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