अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए शुक्रवार को 5 याचिकाएं दायर की गईं। इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए अब मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर की हैं। इन सभी पुनर्विचार याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त है। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि की डिक्री राम लला विराजमान के पक्ष में की थी और अयोध्या में ही एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था। याचिकाओं में से एक में कहा गया है कि यह याचिका दायर करने का मकसद इस महान राष्ट्र की शांति को भंग करना नहीं है लेकिन इसका मकसद है कि न्याय के लिए शांति सुखदाई होनी चाहिए।
