एचयूएल से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रही नेस्ले | विवेट सुजन पिंटो और अर्णव दत्ता / मुंबई/नई दिल्ली December 06, 2019 | | | | |
उपभोक्ता क्षेत्र की कंपनी नेस्ले इंडिया हेल्थ फूड ड्रिंक के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रही है क्योंंकि एचयूएल संग जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर का विलय करीब है। उद्योग के सूत्रों ने कहा, अगस्त में वैश्विक ब्रांड माइलो की दोबारा पेशकश के साथ नेस्ले को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और कंपनी इसके कुछ और वेरियंट पेश कर सकती है क्योंकि हॉर्लिक्स व बूस्ट जैसे ब्रांड के जरिए आगे बढऩे वाली है, जिसका अधिग्रहण वह विलय के बाद करेगी। पिछले महीने एचयूएल ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में संकेत दिया था कि जीएसके कंज्यूमर का विलय करने के लिए उसे एनसीएलटी के मुंबई पीठ की मंजूरी मिल गई है। हालांकि इस विलय के लिए उसे चंडीगढ़ पीठ की मंजूरी की प्रतीक्षा है, जिसके बारे में उद्योग के सूत्रों ने कहा कि यह जनवरी के आखिर तक पूरा हो सकता है।
कंपनी के अधिकारियों ने कहा, अगस्त में दोबारा पेशकश के बाद माइलो को एनर्जी ड्रिंक के तौर पर स्थापित किया गया है और यह तीन प्रॉडक्ट फॉर्मेट टिन, टेट्रापैक और रेग्युलर पैक में उपलब्ध है। टिन व रेग्युलर पैक घरों में उपभोग के लक्ष्य के साथ उतारा गया है क्योंकि यह पाउडर के रूप में है। टेट्रापैक और रेडि टु ड्रिंक सफर कर रहे उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर उतारा गया है। माइलो टेट्रापैक, टिन व रेग्युलर पैक के मुकाबले देश भर में उपलब्ध है। टिन व रेग्युलर पैक को देश के पश्चिम व दक्षिण भारत के बाजारों में उतारा गया है। सूत्रों ने कहा कि यह रणनीति माइलको के लिए उन जगहों पर आधार बनाने के लिए है, जहां हेल्थ फूड ड्रिंक का उपभोग काफी ज्यादा होता है। उदाहरण के लिए तमिलनाडु अहम बाजार है जहां माइलो का वितरण आक्रामक तौर पर किया जा रहा है। इस बाजार में हॉर्लिक्स भी मजबूत है।
वैश्विक स्तर पर नेस्ले मलेशिया, सिंगापुर, थाइलैंड और फिलिपींस को माइलो के लिए अहम बाजार मानती है और इस ब्रांड का भारत में भी प्रसार करना चाह रही है, जहां इसे पहली बार 2017 में उतारा गया। माइलो टेट्रापैक भारत में 2017 में उतारा गया और इस साल अगस्त में इसे दोबारा पेश किया गया। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि दूसरी ओर एचयूएल हेल्थ फूड ड्रिंक में अग्रणी स्थिति बनाए रखने के लिए हर तरह का प्रॉडक्ट फॉर्मेट उतारने पर विचार कर रही है। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा, हॉर्लिक्स व बूस्ट की वॉल्यूम हिस्सेदारी 7,000 करोड़ रुपये के बाजार में संयुक्त रूप से करीब 65 फीसदी है। वॉल्यूम के लिहाज से हेल्थ फूड ड्रिंक 12 फीसदी सालाना की रफ्तार से बढ़ रहा है, वहीं वैल्यू के लिहाज से यह श्रेणी 9 फीसदी सालाना की रफ्तार से बढ़ रही है।
हॉर्लिक्स, बूस्ट और माइलो के अलावा जाइडस वेलनेस की तरफ से अधिग्रहीत कॉम्पलान, मोंडलीज इंडिया की बॉर्नवीटा और ऐबट व दनोन की क्रमश: पीडियाश्योर व प्रोटीनेक्स बाजार में कुछ अन्य अहम ब्रांड हैं। पिछले साल हॉर्लिक्स व बूस्ट के अधिग्रहण में एचयूएल ने नेस्ले को पीछे छोड़ दिया था और कंपनी ने जीएसके कंज्यूमर का खुद में विलय करने के लिए करीब 32,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।
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