एनएचएआई आंकड़े जारी करने में दिखा रहा है सुस्ती | अमृता पिल्लई / मुंबई December 04, 2019 | | | | |
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भी उन सरकारी एजेंसियों में शामिल हो गया है जहां से आंकड़े नहीं मिल रहे हैं। इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क ठेका आवंटन और उसके क्रियान्वयन से जुड़ी सार्वजनिक जानकारियां कम आ रही हैं और अनियमित हो गई हैं।
सड़क कंपनियों को एनएचएआई से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मशविरा देने वाली कंपनी के एक कार्यकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'जारी किए जाने वाली जानकारियों में कमी आ रही है। राजमार्गों के आंकड़ों का उस तरह से अद्यतन नहीं हो रहा है जैसा कि पहले हुआ करता था। मासिक स्तर पर जारी किए जाने वाली जानकारियों को तिमाही और तिमाही स्तर पर जारी किए जाने वाली जानकारियों को छमाही स्तर पर दिया जा रहा है।'
उदाहरण के लिए राजमार्ग प्राधिकरण की वेबसाइट पर एमआईएस रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछली मासिक रिपोर्ट सितंबर 2018 की है। पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में सभी महीनों की रिपोर्ट अपलोड की जाती थी। एमआईएस रिपोर्ट में ठेका का आवंटन, उसका क्रियान्वयन, भूमि अधिग्रहण, ठेके की कार्य प्रगति सहित विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं।
एक अन्य कर्मचारी ने कहा, 'एनएचएआई की नई वेबसाइट शुरू होने के बाद से वे एमआईएस की रिपोर्ट का अद्यतन छह महीने में करते थे बाद में यह भी रुक गया।' उन्होंने माना कि आंकड़ों की उपलब्धता अनियमित हो चुकी है। नया वेबसाइट अक्टूबर 2017 में शुरू हुआ था।
उन्होंने कहा, 'निविदा खंड को उन्हें प्रत्येक निविदा के बाद अद्यतन करना होता है लेकिन ये आंकड़े प्राथमिक हैं और उन्हें एमआईएस रिपोर्ट की तर्ज पर तैयार नहीं किया गया है।' एनएचएआई की मुख्य वेबसाइट से ही विभिन्न निविदाओं के संबंध में जानकारी मिल जाती है। प्राधिकरण भी मौजूदा वित्त वर्ष में आवंटित बोली शीर्षक से आंकड़े साझा करता है। इस मामले के जानकार कर्मचारियों ने कहा कि ये आंकड़े अनियमित आधार पर बदले जाते हैं और कभी कभी कई महीनों तक इनमें बदलाव नहीं किया जाता है। एनएचएआई के चेयरमैन सुखबीर सिंह संधू और प्रवक्ता को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नही आया।
उद्योग के विशेषज्ञ विगत कई वर्षों से अपना अनुमान जाहिर करने और अन्य रिपोर्टों के लिए ठेका आवंटन और उस पर क्रियान्यवयन की एनएचएआई के आंकड़ों पर ही निर्भर रहे हैं। उन आंकड़ों की मौजूदगी के अभाव में अब उन्हें अन्य खुलासों पर निर्भर होना पड़ रहा है जैसे सूचीबद्घ कंपनियों की ओर से साझा की गई जानकारी और प्रश्न के जवाब में संसद में दिए गए उत्तर आदि।
एक अन्य कर्मचारी ने कहा, 'हम अपने अनुमान और निष्कर्ष सूचीबद्घ स्थानों पर उपलब्ध आंकड़ों के सहारे ही तैयार कर रहे हैं।' कुछ राजमार्ग निर्माण कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्घ हैं और तिमाही वित्तीय प्रदर्शन का खुलासे के तौर आंकड़े साझा करती हैं।
हालांकि ये कंपनियां विस्तृत आंकड़े तक पहुंचने की अनुमति नहीं देती हैं। इसके अलावा, इक्विरिस कैपिटल की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में असूचीबद्घ कंपनियां एनएचएआई की हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) वाली 63 फीसदी परियोजनाओं को पूरा कर रही थीं। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि यह आंकड़ा एनएचएआई की इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) परियोजनाओं के मुकाबले 88 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों के अद्यतन की गति धीमी पडऩे की वजह स्पष्टï नहीं है। उक्त दूसरे कर्मचारी ने कहा, 'क्रियान्वयन और ठेका आवंटन की धीमी रफ्तार इसके संभावित कारण हो सकते हैं।'
हालांकि इन आंकड़ों की अनुपलब्धता का सड़क डेवलपरों पर बहुत बड़ा असर नहीं पड़ता है। देश के बड़े सड़क डेवलपरों में शामिल एक कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आंकड़ों की अनुपलब्धता कंपनी के लिए कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं करते हैं। हालांकि, एनएचएआई के आंकड़ों से राजमार्गों में निवेश की रफ्तार को निर्धारित करने में मदद मिलती है।
साथ में मेघा मनचंदा
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