प्याज : कच्ची फसल ही काट रहे किसान | दिलीप कुमार झा / मुंबई December 04, 2019 | | | | |
नए सत्र की आवक शुरूहोने के साथ ही महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसानों ने मंडियों में प्याज के अधिक दाम प्राप्त करने के लिए अपरिपक्व फसल की कटाई शुरू कर दी है। किसानों को इस बात का डर है कि आयात बढऩे और स्थानीय स्रोतों से आवक में इजाफा होने की वजह से प्याज के दामों में गिरावट आने लगेगी। यही कारण है कि किसान इससे पहले ही अपरिपक्व प्याज बेचकर अधिक दामों का लाभ उठाना चाहते हैं।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में एशिया के सबसे बड़े प्याज बिक्री केंद्र बेंचमार्क लासलगांव मंडी में बुधवार को अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के दाम 93.50 रुपये प्रति किलोग्राम बोले गए हैं। मंगलवार को प्रचलित दामों की तुलना में इनमें प्रति किलोग्राम 2.60 रुपये का इजाफा हुआ है। हालांकि सबसे खराब गुणवत्ता वाला प्याज बुधवार को प्रति किलोग्राम 25.50 रुपये की दर पर बिक रहा था, जबकि मंगलवार को इसके दाम प्रति किलोग्राम 20 रुपये थे।
इस तरह लासलगांव थोक बिक्री मंडी में प्याज के आदर्श दाम 70 से 75 रुपये प्रति किलोग्राम बैठते हैं। देश भर के खुदरा बाजारों में दाम 100 से 125 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। हालांकि 2019 की शुरुआत में नासिक की थोक मंडियों में प्याज के दाम दो से तीन रुपये प्रति किलोग्राम के आस-पास चल रहे थे।
लासलगांव मंडी के चेयरमैन जयदत्त होल्कर ने कहा कि राजस्थान से आने वाली शुरुआती फसल की आवक इस साल कुछ ही सप्ताहों में समाप्त हो गई। अत्यधिक बारिश की वजह से प्रमुख उत्पादक राज्यों, खास तौर पर महाराष्ट्र में फसल को हुए नुकसान की सूचना मिलने के कारण किसान मंडियों में बेचने के लिए अपरिपक्व या बिना पकी फसल ला रहे हैं। लासलगांव मंडी की कुल आवक का लगभग 25 प्रतिशत भाग मौजूदा सत्र के अपरिपक्व या बिना पके प्याज का है।
बुधवार को लासलगांव मंडी में प्याज आवक केवल 400 टन (करीब 1-1 टन वाले 400 ट्रक) के आस-पास ही दर्ज की गई, जबकि मंगलवार को आवक 440 टन थी। मौजूदा आवक की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि फसल कटाई के शीर्ष समय में लासलगांव मंडी में प्रतिदिन करीब 22,000 टन से लेकर 25,000 टन तक की आवक होती है। नासिक में प्याज के थोक विक्रेता संजय सनप ने कहा कि चूंकि सरकार ने स्टॉकिस्टों और खुदरा विक्रेताओं पर स्टॉक सीमा लगाई हुई है, इसलिए किसान खराब होने से बचाने के लिए सीमित मात्रा में नई फसल ला रहे हैं। दूसरी तरफ व्यापारी नमी कम करने तथा अधिक दाम प्राप्त करने के लिए अपना खरीदा हुआ प्याज धूप में सुखा रहे हैं।
देश का वार्षिक प्याज उत्पादन तकरीबन 2.3 करोड़ टन रहने का अनुमान है। सालाना 30 लाख से 40 लाख टन के बीच निर्यात किए जाने के कारण देश का प्याज उपभोग 1.9 करोड़ से दो करोड़ टन रहने की संभावना है।
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