बैंकों के विलय के लिए टीमें | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरु December 02, 2019 | | | | |
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय की प्रक्रिया में करीब 30 समितियां इस समय मानव संसाधन और तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े पहलुओं पर विचार कर रही हैं। इस प्रक्रिया के तहत इन बैंकों ने मूल्यांकन और स्वैप रेशियो तय करने के लिए कानूनी और वित्तीय सलाहकारों की भी नियुक्ति की है। सिंडिकेट बैंक के एमडी और सीईओ मृत्युंजय महापात्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'दोनों बैंकों ने समितियां बनाई हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों पर विचार कर रही हैं। वहीं एचआर और ग्राहक सेवा सहित अन्य विषयोंं पर बी साथ साथ अध्ययन किया जा रहा है, जिससे यह प्रक्रिया आराम से पूरी की जा सके।' उन्होंने कहा कि अगले साल विलय की तिथि के पहले पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने की भी कवायद कर रहे हैं।
दोनों बैंकों के अधिकारियों ने कहा कि एचआर एकीकरण प्र्रक्रिया के तहत समिति सेवा शर्तों, पदोन्नति से जुड़े नियमों, करियर में प्रगति, छुट्टी एवं स्थानांतरण नीति पर विचार कर रही है, जिससे विलय के पहले उचित तालमेल सुनिश्चित हो सके। महापात्र ने कहा, 'मानव संसाधन प्रबंधन व्यवस्था तकनीक के एकीकरण का हिस्सा है, वहीं एचआर मानकों के अन्य पहलुओं पर चर्चा के बाद एक साझा आधार तैयार किया जाएगा।' विलय के बाद बनी इकाई में चीफ जनरल मैनेजरों की संख्या ज्यादा होगी। मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत अगर किसी बैंक का कारोबार 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है तो वह प्रत्येक 4 जनरल मैनेजरों पर एक चीफ जनरल मैनेजर नियुक्त कर सकता है। महापात्र ने कहा कि विलय के बाद बनी इकाई में सीजीएम की संख्या 20-21 तक हो सकती है।
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