राहत की मांग पर एक साथ आए सीआईआई, फिक्की | भाषा / नई दिल्ली December 01, 2019 | | | | |
दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद इस क्षेत्र की वित्तीय स्थिति पर परस्पर विरोधी तर्क-वितर्क के बीच सीआईआई और फिक्की ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस क्षेत्र को राहत देने की मांग की है। न्यायालय ने एजीआर पर केंद्र की बात को सही करार देते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि वे उसके आधार पर पुराना सांविधिक बकाया चुकाएं, जो करीब 1.47 लाख करोड़ बनता है। सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लाेस्कर ने 19 नवंबर को वित्त मंत्री को लिखे पत्र में राजस्व साझा करने की मौजूदा व्यवस्था पर पुनर्विचार कर इसकी जगह प्रतिस्पर्धी एवं पारदर्शी व्यवस्था लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा, दूरसंचार क्षेत्र की कुछ बड़ी कंपनियों की खराब स्थिति तथा उनके ऊपर सात लाख करोड़ रुपये के अनुमानित भारी-भरकम कर्ज से न सिर्फ इन कंपनियों के अस्तित्व के लिए चुनौती उपस्थित हो रही है।
फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने भी इसे लेकर वित्त मंत्री को 27 नवंबर को पत्र लिखा था। एजीआर पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय से न केवल दूरसंचार क्षेत्र धराशायी हुआ है बल्कि इसका बिजली, इस्पात और रेलवे समेत दूसरे क्षेत्रों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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