आमदनी घटी, कृषि वृद्धि मामूली | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली November 29, 2019 | | | | |
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में भारत की कृषि एवं संबंधित गतिविधियों की वृद्धि दर में मामूली सुधार के साथ स्थिर मूल्य पर 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पहली तिमाही के 2.0 प्रतिशत की तुलना में मामूली अधिक है। हालांकि किसानों की आमदनी में गिरावट आई है क्योंकि पिछले साल रबी की फसल बेहतर थी और उसकी तुलना में वृद्धि दर बहुत कम है। पिछले साल की समान अवधि (जुलाई-अगस्त तिमाही) में कृषि वृद्धि 4.9 प्रतिशत थी। पहली तिमाही के 7.9 प्रतिशत की तुलना में सांकेतिक वृद्धि की तुलना में दूसरी तिमाही में इसके घटकर 7.4 प्रतिशत रह जाने का मतलब यह है कि कुल मिलाकर महंगाई दर भी किसानों के विपरीत है और किसानों की आमदनी 5.9 प्रतिशत से गिरकर 5.3 प्रतिशत रह गई है।
रबी की फसलों के दाम में गिरावट की वजह से यह कमी आई है। फसल तैयार होने के पहले कुछ महीनों के दौरान गेहूं, सरसों और चना सहित ज्यादातर रबी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10 से 37 प्रतिशत कम भाव पर बिक रही थीं। बहरहाल ज्यादातर विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के आंकड़ों से कृषि वृद्धि का सही अनुमान सामने नहीं आता और असली स्थिति तीसरी तिमाही और उसके बाद के आंकड़ों से पता चलेगी, जब खरीफ की फसल की स्थिति सामने आएगी, जिस पर बेमौसम भारी बारिश का असर पड़ा है।
केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, 'रबी की फसल के बाद कुछ फसलों को छोड़कर ज्यादातर के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे चले गए। यही वजह है कि सांकेतिक कृषि वृद्धि प्रभावित नजर आ रही है। पहली और दूसरी तिमाही के आंकड़ों से कृषि की असल स्थिति का पता नहीं चलता। वास्तविक स्थिति खरीफ के फसल के आंकड़ों के बाद आएगी, जिसके आंकड़े आने वाली तिमाहियों में आएंगे।' 2019-20 के खरीफ फसलों के उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस सीजन के भारत के खाद्यान्न उत्पादन में 0.80 प्रतिशत गिरावट आएगी, भले ही दक्षिण पश्चिम मॉनसून की देरी से वापसी हुई है और बाद में बेहतर बारिश हुई है। इसकी वजह यह है कि बेमौसम बारिश होने से कई इलाकों में फसलें खराब हुई हैं। बहरहाल आगामी महीनों में आंकड़े आने के बाद अनुमान में बदलाव की संभावना है। बाढ़ और बारिश की वजह से मध्य व पश्चिम भारत में सोयाबीन, उड़द, मक्के और कपास की खड़ी फसलों पर बुरा असर पड़ा है।
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