विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट | सोमेश झा / नई दिल्ली November 29, 2019 | | | | |
पिछले 2 साल में पहली बार विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई है। आज जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में विनिर्माण क्षेत्र में 1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि इसकी पहली तिमाही में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इसके पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी। इस तिमाही के दौरान विनिर्माण एकमात्र क्षेत्र है, जिसमें गिरावट आई है। वित्त वर्ष की पहली छमाही में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9.4 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
पिछले 8 साल के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में पहली बार लगातार दो तिमाहियों में संकुचन दर्ज किया गया है, जब 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की नई शृंखला शुरू की गई थी। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट की प्रमुख वजह उपभोक्ता मांग में आई कमी है। ईवाई के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, 'विनिर्माण क्षेत्र में हम बहुत कमजोर प्रदर्शन देख रहे हैं, जो मांग में कमी की वजह से है। इसकी वजह से पिछले 2-3 साल से क्षमता का इस्तेमाल कम हुआ है। क्षमता का उपयोग हुए बगैर कोई निवेश मांग नहीं आएगी। उपभोक्ता उत्पादों के कमजोर मांग की वजह से विनिर्माण क्षेत्र सिकु ड़ गया है क्योंकि क्षमता ज्यादा है और उसकी तुलना में कोई मांग नहीं है।'
विशेषज्ञ इस क्षेत्र में निकट भविष्य में किसी तेजी की संभावना नहीं देख रहे हैं क्योंकि इस साल अक्टूबर में 8 प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। विनिर्माण क्षेत्र के जीडीपी के आंकड़े औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक ही हैं। विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में सितंबर में संकुचन 3.9 रहा, जबकि अगस्त में 1.6 प्रतिशत था। दरअसल विनिर्माण के भीत के 23 उप क्षेत्रों में सितंबर महीने में सालाना आधार पर 17 में गिरावट आई है, जो पिछले महीने के 15 की तुलना में ज्यादा है।
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