सरकार शीघ्र जारी करेगी भारत बॉन्ड ईटीएफ | अनूप रॉय / मुंबई November 28, 2019 | | | | |
सरकार समर्थित ऋण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) को तीन और 10 वर्षों की परिपक्वता अवधि के लिए जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल के सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इसे दिसंबर या जनवरी के आरंभ में लाया जा सकता है। मंत्रिमंडलीय मंजूरी के लिए इसे बुधवार को पेश किया जाना था लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि 4 दिसंबर तक इसके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल सकती है जिसके बाद शीघ्र ही इसे जारी किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने ऋण ईटीएफ के पहले अंश को जारी करने के लिए एडलवाइस संपत्ति प्रबंधन को नियुक्त किया है। इस ईटीएफ को भारत बॉन्ड ईटीएफ के तौर पर जाना जाएगा। हालांकि इस इटीएफ के और भी अंश हो सकते हैं जिनको जारी करने के लिए दूसरे संपत्ति प्रबंधकों की नियुक्ति की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि ऋण ईटीएफ के लिए एके कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड सरकार की एकमात्र सलाहकार है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी ऋण ईटीएफ पात्र इकाइयों को रीपो के लिए अनुमति दी है जिसका मतलब है कि ये इकाइयां रिजर्व बैंक के पास गिरवी रखकर वहां से एक दिन के लिए उधार ले सकते हैं। ईटीएफ का मकसद बॉन्ड बाजार में खुदरा भागीदारी को बढ़ाना है। साथ ही इसका उद्देश्य सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के लिए फंड के दूसरे स्रोत तैयार करना है। बॉन्ड ईटीएफ निवेशकों को किफायती तरीके से बॉन्ड जैसे निवेशों को खड़ा करने और उसे बनाए रखने के लिए एक जरिया प्रदान करेगा। .
ईटीएफ को म्युचुअल फंड की तर्ज पर खरीदा और भूनाया जा सकता है। इसका प्रारूप एक खुले फिक्स्ड मैच्युरिटी की तरह होगा और इसके लिए अप्रैल 2023 और अप्रैल 2030 दो परिपक्वता अवधि होगी। रेखांकित बॉन्ड से मिलने वाले कूपन को फिर से निवेश किया जा सकेगा। 5 फीसदी तक सरकारी प्रतिभूतियों या जमानती उधारी और ऋण बाध्यता (सीबीएलओ) को तरलता प्रबंधन के लिए आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा एक फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) शुरू किया जाएगा जो अपनी पूरी रकम भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करेगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने ईटीएफ के लिए एएए से लेकर एए रेटिंग वाली सरकारी कंपनियों की पहचान की है लेकिन पहले एएए रेटिंग वाली कंपनियों को ही इसके लिए चुना जाएगा।
इन कंपनियों में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), एनएचपीसी, पावर फाइनैंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी), न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन, राष्ट्रीय आवास बैंक, भारतीय रेलवे वित्त निगम, इंडियन रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट, पावर ग्रिड, भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, कोंकण रेलवे, भारतीय निर्यात आयात बैंक, टीएचडीसी इंडिया, आवास और शहरी विकास निगम और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर शामिल हो सकती हैं।
हालांकि कोई जारीकर्ता यदि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नहीं रह जाए या फिर उसमें सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से नीचे चली जाए तो उसे इस सूची से बाहर कर दिया जाएगा। इसलिए, बीपीसीएल के निजीकरण के बाद वह इसके लिए योग्य नहीं रह जाएगाी। ऐसा ही टीएसडीसी और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर के साथ भी होगा। भारत बॉन्ड ईटीएफ का एक निश्चित परिपक्वता दिनांक होगा और यह सरकारी स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों द्वारा जारी किए गए उच्च गुणवत्ता वाले बॉन्ड में निवेश करेगा। ये बॉन्ड ईटीएफ के परिपक्वता दिनांक या उससे पहले परिपक्व हो जाएंगे।
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