बुनियादी ढांचे में 235 लाख करोड़ रु निवेश की जरूरत | मेघा मनचंदा / नई दिल्ली November 26, 2019 | | | | |
देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले एक दशक में 235 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा इस क्षेत्र में परियोजनाओंं के हिसाब से अग्रणी हो सकते हैं क्योंकि यहां मांग ज्यादा है। क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी का मानना है कि अगले 10 साल में सड़क क्षेत्र में कुल निवेश का 50 प्रतिशत योगदान राज्यों का होगा। निवेश का यह अनुमान केंद्र सरकार द्वारा इन वर्षों के दौरान 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र मेंं अगले 5 साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश का वादा किया था।
क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के वरिष्ठ निदेशक विवेक शर्मा ने कहा, 'इन राज्यों के अग्रणी होने की उम्मीद है क्योंकि उनका आधार कम है।' एजेंसी ने राज्यों को 3 श्रेणी में डाला है। अग्रणी (इसमें गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र), मध्यवर्ती (इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा शामिल हैं) और ऊपर चढऩे वाले (इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल)। राज्यों की इन श्रेणियोंं का उल्लेख करते हुए क्रिसिल ने इनके लिए विशेष रणनीति और कार्रवाई की सिफारिश की है, जिससे निवेश को गति मिल सके। हालांकि ऊपर चढऩे वाले जैसे राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में बहुत खर्च किया है, वे कर्ज का बोझ बढऩे की वजह से सुस्त हो सकते हैं।
क्रिसिल ने आज कहा कि अगर भारत को भारी भरकम बुनियादी ढांचा तैयार करने का लक्ष्य हासिल करना है तो राज्यों को बुनियादी ढांचा पर खर्च अगले एक दशक (2021-30) में बढ़ाकर 110 लाख करोड़ रुपये या मौजूदा दशक के लिए अनुमानित 32 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 3.5 गुना ज्यादा खर्च करना होगा। क्रिसिल ने कहा है कि अगले 10 साल में देश के बुनियादी ढांचे पर 235 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है और यह लक्ष्य हासिल करने के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत होने व बुनियादी ढांचे पर खर्च 6 प्रतिशत से ज्यादा करने की जरूरत होगी। क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के अध्यक्ष समीर भाटिया ने कहा, 'बुनियादी ढांचे पर निवेश में अगर राज्य 50 प्रतिशत हिस्सेदारी करते हैं तो इस क्षेत्र को गति मिल सकती है। हाल के वर्षों में निजीक्षेत्र से निवेश कम हुआ है।'
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