उपभोग में गिरावट से निर्माता चिंतित | जयजित दास / भुवनेश्वर November 24, 2019 | | | | |
बढ़ते आयात और एलएमई (लंदन मेटल एक्सचेंज) की कमजोर कीमतों जैसी समस्याओं से चिंतित देश के एल्युमीनियम निर्माता अब एक नई चिंता से जूझ रहे हैं क्योंकि उपभोग में कमी आने की आशंका गहरा गई है। एल्युमीनियम की मजबूत खपत घरेलू एल्युमीनियम निर्माताओं के लिए मददगार रही है और इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव के के मुकाबले अपना परिचालन मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है। लेकिन मौजूदा आर्थिक मंदी और वाहन क्षेत्र पर दबाव की वजह से एल्युमीनियम निर्माताओं की खपत कमजोर पडऩे की आशंका है। एडलवाइस की एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'भविष्य में, हमें प्रमुख एल्युमीनियम कंपनियों के लिए समय चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है क्योंकि चालू वर्ष 2019 में खपत में कमी आने का अनुमान है। वाहन क्षेत्र में मंदी की वजह से भी एल्युमीनियम की खपत घटने की आशंका है।' हालांकि पेय पदार्थों की मजबूत बिक्री को ध्यान में रखते हुए सेकंडरी एल्युमीनियम उत्पादकों के लिए परिदृश्य सकारात्मक रहने के आसार हैं।
वैश्विक एल्युमीनियम बाजार चीन में उत्पादन कटौती की वजह से पिछली नौ तिमाहियों से 70 10.1 लाख टन तक की कमी महसूस कर रहा है। भारत में एल्युमीनियम उत्पादन में कैलेंडर वर्ष 2018 की दूसरी छमाही के दौरान तेजी देखने को मिली थी, लेकिन नुकसान से जुड़ी क्षमता बंद होने से मार्च और जून 2019 के बीच कुछ सुधार देखने को मिला। वर्ष 2018-19 में देश की एल्युमीनियम मांग 10 प्रतिशत तक बढ़ी थी, क्योंकि इसे मजबूत जीडीपी और विमानन, वाहन, इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा इलेक्ट्रिकल क्षेत्रों में वृद्घि से मदद मिली थी, लेकिन मौजूदा समय में धीमी अर्थव्यवस्था और कमजोर मांग ने एल्युमीनियम निर्माताओं पर दबाव बढ़ा दिया है। एल्युमीनियम की एलएमई कीमतें भी पिछले चार महीनों से दो साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
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