कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियां बढ़ाएंगी फ्रिज के दाम
अर्णव दत्ता / नई दिल्ली November 22, 2019
कीमतों में कटौती और भारी छूट देने के एक साल बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स विनिर्माता 1 जनवरी से अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। नए साल की शुरुआत में रेफ्रिजेरेटर के दाम 8 फीसदी तक बढ़ सकते हैं और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2018 के बाद किसी भी श्रेणी की कीमतों में यह पहली बढ़ोतरी होगी।
स्टील जैसे प्रमुख कच्चे माल के दाम घटने और अन्य चीजों की कीमतें स्थिर रहने के बावजूद नए ऊर्जा दक्षता नियमों के अगले साल से लागू होने की वजह से सभी ब्रांडों के रेफ्रिजेरेटर के दाम बढऩे जा रहे हैं। हालांकि इस बढ़ोतरी का असर ग्राहकों के बजाय विनिर्माताओं पर ज्यादा पड़ेगा।
गोदरेज ऐंड बॉयस के उपाध्यक्ष और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड अप्लाइंसेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के अध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि दाम बढ़ाना जरूरी हो गया है क्योंकि कंपनियां पहले से ही कम मार्जिन पर कारोबार कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'अनुमान के मुताबिक समान ऊर्जा रेटिंग वाले उत्पाद के दाम अगले साल से 500 रुपये तक बढ़ सकते हैं।'
व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील डिसूजा ने कहा कि विभिन्न मॉडलों के दाम कितने बढ़ाए जाएंगे, इस बारे में कंपनी ने अभी निर्णय नहीं किया है। लेकिन दाम बढऩे तय हैं। नए ऊर्जा दक्षता नियमों से 5-स्टार रेटिंग वाले रेफ्रिजेरेटर की लागत विनिर्माताओं के लिए काफी बढ़ जाएगी। अनुमान के मुताबिक इसके लिए अतिरिक्त उपकरणों जैसे वैक्यूम पैनल आदि लगाने होंगे, जिससे दाम करीब 6,000 रुपये तक बढ़ सकते हैं। नंदी ने कहा कि इससे कीमतों में काफी ज्यादा इजाफा करना होगा और 5-स्टार वाले रेफ्रिजेरेटर बनाना बाजार के लिए अव्यवहार्य हो जाएगा।
इसके अलावा विनिर्माताओं पर ई-कचरे के पुनर्चक्रण का भी बोझ बढ़ेगा जिससे उनकी मार्जिन प्रभावित हो सकती है। इसकी वजह से अन्य उत्पादों के दाम भी बढ़ाने पड़ सकते हैं। ई-कचरा प्रबंधन नियमों के तहत विनिर्माताओं को 2019-20 पिछले एक दशक के दौरान की गई कुल बिक्री का 30 फीसदी ई-कचरा संग्रह और उसका पुनर्चक्र्रण करना होगा और 2023 तक हर साल इसमें 10 फीसदी का इजाफा होगा। वोल्टास के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रदीप बख्शी ने कहा कि ई-कचरे के संग्रह की समुचित प्रणाली नहीं होने से इसका बोझ विनिर्माताओं पर पड़ेगा।
ग्राहक पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्यूरेबल्स आइटम्स को विनिर्माताओं को देने के लिए इच्छुक नहीं होते हैं। ऐसे में कंपनियों को इसे खरीदने का दबाव होगा जिससे कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। कच्चे माल की कीमतों में नरमी और रुपया-डॉलर विनिमय दर के स्थिर रहने 2019 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स उद्योग को करीब दो साल बाद लाभ मिला है। 2017 और 2018 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), कच्चे माल के दाम बढऩे, मुद्रा में उतार-चढ़ाव से कंपनियों की बिक्री और मार्जिन पर असर पड़ा था।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.