मौसम अनुकूल खेती को बढ़ावा देगी बिहार सरकार | बीएस संवाददाता / पटना November 20, 2019 | | | | |
बिहार सरकार ने राज्य में मौसम के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए बिहार के आठ जिलों के 40 गांवों में जलवायु अनुकूल खेती कराई जा रही है। साथ ही, राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन को भी अपने महत्त्वाकांक्षी 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के साथ जोडऩे का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पटना में मुख्यमंत्री कार्यालय में 'जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर नीतीश ने कहा, 'किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल चक्र में बदलाव जरूरी है। इस बारे में बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया, राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मिलकर काम कर रहे हैं। प्रथम चरण में राज्य के आठ जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में इसे शुरू किया जा रहा है। इन जिलों के अनुभव के आधार पर बाद में इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। मुझे भरोसा है कि इस कार्यक्रम के अच्छे परिणाम आएंगे और इसके लिए पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी।' इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने का भी फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'कृषि फीडर के जरिये किसानों को बिजली दी जा रही है। जुलाई तक जिन किसानों ने आवेदन दिया है, उन्हें इस वर्ष के अंत तक बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा। वहीं, बाकी किसानों को अगले वर्ष तक बिजली मिल जाएगी।' वहीं, राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन को महत्त्वाकांक्षी 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के साथ जोडऩे का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'बिहार में इस वक्त 1,300 कंबाइन हार्वेस्टर हैं, जिससे कटाई पर फसलों के अवशेष खेतों में ही रह जाते हैं। इसे रोकने के लिए किसानों की मदद की जा रही है। इस बारे मे जरूरी मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, इन उपकरणों की खरीद पर किसानों को 75 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। पिछड़ी जाति के किसानों को इस बारे में 80 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी।'
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