भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी डेरिवेटिव में ओपन पोजीशन की सीमा बढ़ा कर दोगुना करने के कदम से छोटी और मझोली कंपनियां भी इन उपकरणों के कारोबार के लिए आगे आएंगी। सेबी ने सभी अनुबंधों में ग्राहकों (बैंकों) की ओपन पोजीशन बढ़ा कर कुल ओपन इंट्रेस्ट्र का छह प्रतिशत या 100 लाख डॉलर में से जो भी अधिक हो, की कर दी है। वर्तमान सीमा कुल ओपन इंट्रेस्ट का छह प्रतिशत या 50 लाख डॉलर की है। गैर-बैंकिंग कारोबारी सदस्यों के लिए यह सीमा बढ़ा कर कुल ओपन इंट्रेस्ट का 15 प्रतिशत या 500 लाख डॉलर में से जो भी अधिक है, की कर दी गई है। पहले यह 15 प्रतिशत या 250 लाख डॉलर का था।
