नपेंगे फर्जी निबंधन कराने वाले | बीएस संवाददाता / पटना November 19, 2019 | | | | |
बिहार सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का फर्जी निबंधन कराने वालों के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया है। इसके तहत संदेहास्पद परिसरों का निरीक्षण किया जाएगा। कर चोरी की पुष्टि होने पर ऐसे लोगों पर वाणिज्य कर विभाग प्राथमिकी भी दर्ज करेगा। राज्य के उप-मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के जरिये प्रदेश के 50 वाणिज्य कर अंचलों के 700 से अधिक कारोबारियों, कर सलाहकारों और अंकेक्षकों से जीएसटी से जुड़ी समस्याओं पर करीब ढाई घंटे तक चर्चा की। इस बैठक में उप-मुख्यमंत्री ने बिना किसी कारोबार के जीएसटी का फर्जी फर्जी निबंधन कराने वालों को चेताया।
उन्होंने इस बारे में बाकायदा एक अभियान चलाने का ऐलान भी किया। मोदी ने कहा, 'सरकार इस बारे में एक अभियान चलाएगी। इसके तहत वैसे लोगों के परिसरों का निरीक्षण किया जाएगा, जिन्होंने नया निबंधन तो करा लिया है, लेकिन वास्तव में वे कोई कारोबार नहीं करते हैं। इस बारे में आरोप सही पाए जाने पर ऐसे लोगों पर प्राथमिकी भी कराई जाएगी।' उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 98 ऐसे करदाता पाए गए हैं, जो कारोबार नहीं करते लेकिन जीएसटी निबंधन करवा लिया है। ऐसे लोगों ने कागज पर ही 1,921 करोड़ रुपये से अधिक का माल मंगाकर सरकारी खजाने को 419 करोड़ रुपये की चपत लगाई। अब तक राज्य सरकार इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है, जिनमें फर्जी कारोबारियों के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल हैं। इसके साथ ही छह महीने तक लगातार विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 7,368 कारोबारियों का निबंधन रद्द किया गया है। बिहार में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त के पहले 8 महीने में जीएसटी संग्रह में 6.73 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
|