पूर्वी नगर निगम ने लगाए नए कर | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली November 19, 2019 | | | | |
भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में तीन नए कर लगाने के साथ ही आवासीय संपत्ति के लिए संपत्ति कर की दरों में इजाफा कर खजाना भरने की कोशिश की है। इसके बावजूद निगम दिल्ली सरकार से मिलने वाली वित्तीय मदद पर ही निर्भर है। निगम को आंतरिक स्रोतों से इतनी भी आमदनी नहीं होने वाली है कि वह इससे प्रशासनिक खर्चों का भी भार उठा सके। पूर्वी निगम ने उद्यमियों पर कर बोझ न बढ़ाकर उन्हें राहत दी है, जबकि दक्षिणी और उत्तरी नगर निगम ने उद्योग पर संपत्ति कर दर बढ़ाकर बोझ डाला है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त डॉ. दिलराज कौर ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4,683 करोड़ रुपये व्यय वाला बजट पेश किया। बजट में आंतरिक स्रोतों से 1,271.69 करोड़ रुपये की आय का अनुमान है, जबकि सामान्य प्रशासनिक मद में व्यय 1,937.20 करोड़ रुपये है। बजट में बाहरी स्रोत यानी दिल्ली सरकार से दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 3451.12 करोड़ रुपये आय का अनुमान है, जो कुल बजट का करीब 74 फीसदी हिस्सा है। कौर ने बजट भाषण में कहा कि सीमित संसाधनों के बीच आय बढ़ाने के लिए 5 फीसदी की दर से शिक्षा उपकर, 15 फीसदी की दर से सुधार कर और 5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों पर पेशेवर कर और आवासीय संपत्ति के मामले में सी, डी, ई श्रेणी में कर दर 11 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी और एफ, जी, एच श्रेणी में यह दर 7 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव है। संपत्ति कर से राजस्व बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संपत्तियों को कर दायरे में लाने के लिए सर्वेक्षण चल रहा है। कौर ने बताया कि घर-घर से कचरा उठाने के लिए निजी एजेंसी को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है, जो कचरा उठाने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम के मुताबिक शुल्क वसूलेगी।
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