उप्र में दोगुनी हो जाएंगी एमएसएमई इकाइयां | वीरेंद्र सिंह रावत / लखनऊ November 18, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021-22 तक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हो जाएगी। राज्य में 2017-18 में ऐसी इकाइयों की तादाद 90 लाख थी। फिलहाल एमएसएमई क्षेत्र देश के कुल सालाना औद्योगिक उत्पादन में 65 प्रतिशत का योगदान देता है और कृषि के बाद यह रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। सोमवार को यहां एमएसएमई निर्यात संवद्र्धन परिषद (एमएसएमई ईपीसी) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2015-16 और 2017-18 के बीच एमएसएमई इकाइयों में 100 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई और यह 44 लाख से बढ़कर 90 लाख हो गई। एमएसएमई ईपीसी चेयरमैन डी एस रावत ने कहा,'वर्ष 2015-16 से प्रत्येक वर्ष राज्य में एमएसएमई क्षेत्र में 15 लाख नई इकाइयां जुड़ीं हैं। ये इकाइयां 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं शामिल हैं।' रावत ने कहा कि इन इकाइयों की संख्या में इसी तरह इजाफा होता रहा तो इनकी संख्या अगले दो वर्षों में बढ़कर 1.4 करोड़ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में करीब 3 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
पीएफ घोटाले के विरोध में हड़ताल पर बिजलीकर्मी
राज्य में बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि के 2,268 करोड़ रुपये निजी कंपनी में फंसने के विरोध में राज्य के 45 हजार विद्युतकर्मियों ने सोमवार को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के करीब 45 हजार बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने सोमवार सुबह 8 बजे से 48 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में सोमवार सुबह 8 बजे से ही बिजली कर्मचारी व अभियंता विरोध प्रदर्शन करते रहे। राजधानी लखनऊ में लेसा व मध्यांचल सहित सभी दफ्तरों के बिजली कर्मचारी व अभियंता शक्ति भवन मुख्यालय पर एकत्र हुए।
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