संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक ने अमेरिकी निवेशक से बैंक में 1.2 अरब डॉलर के निवेश के लिए बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा बढ़ाने पर बातचीत शुरू की है। यह निवेश इक्विटी के तौर पर किया जाएगा। निवेशक द्वारा बैंक में हिस्सेदारी के लिए बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही है। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों के मुताबिक येस बैंक निवेशक के साथ अब भी बातचीत कर रहा है और उसकी पेशकश पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है। इस निवेश से बैंक को अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने और कर्ज आवंटन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
येस बैंक के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के पास बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा बढ़ाने का विकल्प है और बैंक उम्मीद कर रहा है ताजा पूंजी दिसंबर तक उसे मिल सकती है। येस बैंक ने 31 दिसंबर को घोषणा की थी कि उसे एक निवेशक से बाध्यकारी ऑफर मिला है लेकिन उसने निवेशक के नाम का खुलासा नहीं किया था। अगर बैंक समय पर अपनी पूंजी बढ़ाने में सफल नहीं होती है तो रेेटिंग एजेंसियों की ओर से रेटिंग घटाए जाने का जोखिम हो सकता है।
वैश्विक रेटिंग फर्म मूडीज ने 6 नवंबर को ऐसा संकेत भी दिया था। मूडीज ने कहा था कि बैंक की वित्तीय स्थिति पूंजी जुटाने की योजना से बेहतर हो सकती है। लेकिन इसके क्रियान्वयन और समय, कीमत एवं नियामकीय मंजूरी आदि को लेकर जोखिम है। बैंक की समीक्षा के दौरान मूडीज ने कहा था कि वह बैंक की नई इक्विटी पूंजी जुटाने की क्षमता पर ध्यान देगा और चेताया था कि अगर पूंजी नहीं जुटाई जा सकी तो बैंक के क्रेडिट प्रोफाइल और रेटिंग्स पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
इस बारे में पक्ष जानने के लिए येस बैंक को ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। येस बैंक का शेयर आज 4 फीसदी की गिरावट के साथ 65.90 रुपये पर बंद हुआ। बंद भाव के आधार पर बैंक का कुल बाजार मूल्यांकन 16,807 करोड़ रुपये है। बाध्यकारी पेशकश की घोषणा करने के बाद से येस बैंक का शेयर करीब 16 फीसदी चढ़ चुका है। इस साल अगस्त में बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 83.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1,930 करोड़ रुपये जुटाया था। येस बैंक को न केवल फंसे कर्ज की खातिर बल्कि विकास के लिए भी पूंजी की सख्त जरूरत है।
सितंबर में टियर 1 पूंजी 8.7 फीसदी पर थी, जो मार्च 2020 के 8 फीसदी की नियामकीय जरूरतों के करीब है। सितंबर तिमाही में बैंक की परिसपंत्ति की गुणवत्ता तेजी से खराबब हुई है और इसका सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात 7.39 फीसदी तक पहुंच गई जो पिछले साल की सितंबर तिमाही में 1.6 फीसदी पर थी। शुद्घ एनपीए अनुपात सितंबर 2019 तिमाही में 4.35 फीसदी रही जो सितंबर 2018 तिमाही में 0.84 फीसदी पर थी। येस बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में करीब-करीब उन सभी कंपनियों को कर्ज दिया है, जिसमें कर्ज फंसा हुआ है। इसकी वजह से बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि इन कंपनियों ने कर्ज भुगतान में चूक की है।
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