वोडा आइडिया: बेहतर सेवा पर ध्यान देना जरूरी | रोमिता मजूमदार / मुंबई November 18, 2019 | | | | |
वोडाफोन आइडिया द्वारा पिछले सप्ताह दर्ज किए गए भारी-भरकम नुकसान को देखते हुए शेयरधारकों और कर्मचारी रुझानों पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन को एक मजबूत ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। केंद्र सरकार से राहत उपायों के अलावा कंपनी 160,000 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर के साथ साथ अपने डेटा सेंटर व्यवसाय की बिक्री की संभावना तलाश रही है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी रविंदर टक्कर ने भी न्यूनतम कीमत निर्धारण की समीक्षा के लिए दूरसंचार नियामक संस्था के संभावित कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे दूरसंचार क्षेत्र को कुछ हद तक मदद मिल सकती है।
सितंबर तिमाही में, कंपनी का ग्राहक आधार 90 लाख तक घटकर 31.11 करोड़ रह गया था। तुलनात्मक तौर पर एक साल पहले की समान तिमाही में यह आंकड़ा 42.2 करोड़ था। प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) जून तिमाही के 108 रुपये की तुलना में 107 रुपये था। इस क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि बैलेंस शीट में असाधारण मदों के अलावा, कंपनी का प्रदर्शन काफी हद तक अनुमानों के अनुरूप रहा। टक्कर ने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि 4जी ग्राहक आधार के लिए 4जी टावरों (ऊंची वैल्यू वाला ग्राहक आधार) में बदलाव गैर-4जी की तुलना में कम महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि सुधार 2जी आधार में ज्यादा है, लेकिन उन्हें जल्द इसमें नरमी आने का अनुमान है। कंपनी इस आधार को ध्यान में रखते हुए 45 रुपये का रिचार्ज पेश कर रही है।
वोडाफोन के पूर्व प्रबंध निदेशक अमित पाउ मौजूदा समय में एकलाउड के परिचालन प्रमुख हैं। उनका कहना है, 'चूंकि इस विलय (आइडिया के साथ वोडाफोन का) से ऑपरेटर को 10 करोड़ से ज्यादा ग्राहक गंवाने पड़े हैं। जब दो कंपनियों का विलय होता है तो लोग लागत तालमेल और नेटवर्क में बदलाव पर ध्यान देते हैं, वहीं ग्राहक के खोने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।' पउ का कहना है कि बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार में, वोडाफोन आइडिया 4जी कवरेज और नेटवर्क प्रदर्शन के सहारे अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे हो गई है। तिमाही के दौरान कंपनी ने 55 लाख 4जी ग्राहक जोड़े (जून तिमाही के अंत में 41 लाख), जिससे उसका कुल 4जी ग्राहक आधार बढ़कर 9.03 करोड़ हो गया। डेटा इस्तेमाल के आंकड़े में सुधार आ रहा है, लेकिन यह अभी भी एयरटेल और जियो से पीछे है।
वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा दूरसंचार उपकरण प्रदाताओं की झोली में जाता है। जहां इनके लिए ऐसे सबसे बड़े प्रदाताओं एरिक्सन और नोकिया ने कंपनी के साथ अपनी भागीदारियों की आगामी संभावना पर कोई टिप्पणी नहीं दी है, वहीं उद्योग के जानकारों ने इसकी पुष्टि की है कि इन कंपनियों ने मौजूदा परिदृश्य के आकलन के लिए आंतरिक तौर पर बैठकें की हैं। हालांकि कर्मचारी मोर्चे पर, काफी अनिश्चितता है। खबरों के अनुसार, टक्कर सरकार से राहत के संदर्भ में लगभग 10,000 कर्मचारियों के दृष्टिकोण का हवाला दिया है।
हेड हंटर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी क्रिस लक्ष्मीकांत ने कहा, 'दूरसंचार ऑपरेटर पिछले साल के दौरान अपने कर्मचारी आधार में बदलाव ला चुके हैं, और उनके पास मौजूदा समय में क्षेत्र में श्रेष्ठ संसाधन हैं। इस क्षेत्र में कुछ ही अवसर हैं, इसे देखते हुए कंपनियों द्वारा छंटनी किए जाने की आशंका नहीं है।' उन्होंने कहा कि अवसरों के इस अभाव का मतलब होगा कि कर्मचारियों द्वारा स्वयं नौकरी छोडऩे और अन्य दूरसंचार कंपनियों में अवसर तलाशने की आशंका कम है। टीमलीज सर्विसेज में कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती का मानना है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान किए गए बदलाव के बाद से लगभग 150,000 पेशेवर दूरसंचार क्षेत्र से परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, 'प्रमुख नेटवर्क पेशेवर महत्वपूर्ण बने रहेंगे, क्योंकि नेटवर्क परिचालन की मांग बरकरार रहेगी।
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