यूपीआई, मोबाइल वॉलेट से भी आयकर भुगतान! | |
दिलाशा सेठ / नई दिल्ली 11 18, 2019 | | | | |
अब वह दिन दूर नहीं जब करदाता अपनी सुविधानुसार क्रेडिट कार्ड, यूपीआई और मोबाइल वॉलेट से भी कर भुगतान कर पाएंगे। सब कुछ योजनानुसार रहा तो जल्द ही आप अपना कार्ड स्वैप कर कर भुगतान कर सकते हैं। यह ठीक उसी तरह होगा जैसे आप किसी दुकान या रेस्तरां पर कार्ड के जरिये बिल का भुगतान करते हैं। सरकार अब करदाताओं को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), बैंकों के क्रेडिट कार्ड और पेटीएम जैसे मोबाइल वॉलेट से कर भुगतान की अनुमति देने पर विचार कर रही है। इसका मकसद करों की ई-भुगतान अदायगी प्रक्रिया सरल बनाकर कर अनुपालन बढ़ाना है। अब तक नेट बैंकिंग और कुछ गिने-चुने बैंकों के डेबिट कार्ड के जरिये करों के ई-भुगतान की सुविधा दी गई है।
राजस्व सचिव ए बी पांडेय ने सरकार की इस योजना की पुष्टि की। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कर भुगतान के लिए यूपीआई एक माध्यम के रूप में जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। फिलहाल केवल नेट बैंकिंगऔर डेबिट कार्ड के जरिये ही भुगतान किया जा सकता है। हम निश्चित तौर पर यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सुविधा भी देना चाहेंगे। जल्द ही ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी।'
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर अदायगी के लिए इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का अधिक विकल्प मुहैया कराना है। अधिकारी ने कहा कि अगर रकम कम है तो लोग मोबाइल वॉलेट से भी कर भुगतान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'हम इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को परिभाषित करने जा रहे हैं, जिसकी जद में वॉलेट, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई आदि आएंगे।'
नैशनल पेमेट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई सेवा शुरू की है। इसके माध्यम से एक मोबाइल प्लेटफॉर्म से दो बैंक खातों के बीच वास्तविक समय में रकम अंतरित होती है। भारत में पेटीएम, एमेजॉन पे, ओला मनी सहित कुछ मोबाइल वॉलेट भी सेवाएं दे रहे हैं। इस समय कोई करदाता केवल छह बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक और पंजाब नैशनल बैंक के डेबिट कार्ड से कर भुगतान कर सकते हैं।
यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे विकसित देशों में क्रेडिट कार्ड के जरिये भी कर भुगतान होता है। कनाडा में पेपाल जैसे मोबाइल वॉलेट से भी कर भुगतान किया जा सकता है। क्लीयर टैक्स के संस्थापक एवं सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा कि कर भुगतान के अधिक विकल्प उपलब्ध कराने से करदाताओं को आसानी होगी। उन्होंने कहा, 'इस पूरी प्रणाली का कारगर ढंग से काम करना भी जरूरी है। इससे करदाता तत्काल चालान संख्या और बीएसआर कोड पाकर आयकर रिटर्न में इसका जिक्र कर सकेंगे।'
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