बैंक जमा पर बीमा बढ़ाने की तैयारी | एजेंसियां / नई दिल्ली November 15, 2019 | | | | |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार बैंक जमा पर बीमा राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सरकार बीमा राशि बढ़ाने और विभिन्न राज्यों में काम करने वाले सहकारी बैंकों के नियमन के लिए एक विधेयक लाएगी। सीतारमण ने कहा कि बैंक जमा राशि पर गारंटी बढ़ाने के बारे में विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जा सकता है। हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तार से नहीं बताया इसका भी संकेत नहीं दिया कि बढ़ी सीमा क्या होगा। उन्होंने संकेत दिया कि इस बारे में विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में आ सकता है।
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाले की पृष्ठिभूमि में वित्त मंत्री का यह बयान खासा अहम हो जाता है। फिलहाल बैंक में रकम जमा करने वाले ग्राहकों को उनकी रकम पर डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंअी कॉर्पोरेशन से 1 लाख रुपये का बीमा दिया जाता है। सीतारमण ने यह भी कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के मद में रकम में कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के सभी विभागों को बजट में प्रस्तावित पूरी रकम रकम खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
दूरसंचार क्षेत्र की मुश्किलों के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसा कभी नहीं चाहेगी कि कोई कंपनी अपना कारोबार समेट ले। उन्होंने कहा कहा सरकार चाहती है कि सभी दूरसंचार कंपनियां कारोबार में आगे बढें। फिलहाल दूरसंचार क्षेत्र बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश की दो बड़ी दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन आइडिया और एयरटेल का संयुक्त तिमाही घाटा 74,000 करोड़ रुपये रहा है। एजीआर मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दूरसंचार कंपनियों को जबरदस्त झटका लगा है।
सीतारमण ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय समस्याओं से निपटने के लिए गठित सचिवों की समिति ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में दूरसंचार कंपनियों को बकाया सांविधिक शुल्क के रूप में 1.42 करोड़ रुपये सरकार को भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके बाद इस क्षेत्र की वित्तीय परेशानियां दूर करने से जुड़े उपाय सुझाने के लिए पिछले महीने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था।
|