एस्सेल प्रोपैक को दमदार बना रही ब्लैकस्टोन | पवन लाल / मुंबई November 14, 2019 | | | | |
निजी इक्विटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ब्लैकस्टोन द्वारा पैकेजिंग कंपनी एस्सेल प्रोपैक का परिचालन शुरू करने के 90 दिनों बाद उसका ऋण बोझ कम हो गया है, राजस्व बढ़ रहा है और मार्जिन में तेजी दिख रही है। दुनिया में बनने वाला हर तीसरा टूथपेस्ट ट्यूब एस्सेल प्रोपैक बनाती है। ब्लैकस्टोन अब उसके लिए एक दमदार सीईओ की तलाश कर रही है ताकि कारोबार को दुनिया भर में बढ़ाया जा सके। एस्सेल प्रोपैक में 75 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए ब्लैकस्टोन ने 3,215 करोड़ रुपये खर्च किए और अब वह उसके शीर्ष नेतृत्व को तेजी से सुदृढ़ कर रही है। कंपनी में स्वतंत्र निदेशकों का एक नया निदेशक मंडल है जिसमें रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ देविंदर सिंह बरार, यूरोप में पैकेजिंग फर्मों के पूर्व सीईओ उवी रोएरहॉफ और पीडब्ल्यूसी की पूर्व ऑडिट प्रमुख शर्मिला कार्वे शामिल हैं। उन्हें बोर्ड में ब्लैकस्टोन के वरिष्ठ शेयरधारक प्रतिनिधि के तौर पर शामिल किया गया है। इसमें निजी इक्विटी कंपनी के भारत प्रमुख अमित दीक्षित, वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एलेक्स यंग और प्रबंध निदेशक अमित जैन शामिल हैं।
खबर लिखे जाने तक ब्लैकस्टोन ने पूछे गए सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं भेजी थी। परिचालन के मोर्चे पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पराग शाह को नया मुख्य वित्तीय अधिकारी नियुक्त किया गया है और उनका कार्यकाल 25 नवंबर से शुरू होगा। साथ ही इस निजी इक्विटी कंपनी के आंतरिक सूत्रों ने कहा कि कंपनी को एक नए अवतार में पेश करने के लिए दमदार प्रदर्शन करने वाले करीब एक दर्जन सीईओ को चुना गया है। पहले इस पद पर अशोक गोयल कार्यरत थे जो कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक थे। बिक्री से एस्सेल प्रोपैक गोयल के अरबपति भाई सुभाष चंद्रा द्वारा संचालित एस्सेल ग्रुप का हिस्सा थी।
हालांकि ब्लैकस्टोन द्वारा किए गए अन्य अधिग्रहण पुनरुद्धार के करीब हैं जिसमें आईटी फर्म एमफैसिस भी शामिल है। लेकिन एस्सेल की तस्वीर अलग है। कंपनी सालाना आठ अरब लेमिनेटेड ट्यूब का उत्पादन करती है और वह ओरल केयर पैकेजिंग क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनी है। यह एक ऐसा उपभोक्ता कारोबार है जहां ग्राहकों को आने में समय लगता है लेकिन एक बार आ गए तो वे वापस नहीं जाते। पिछले साल एस्सेल ने करीब 2,700 करोड़ रुपये का राजस्व और 501 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया था।
एक निजी इक्विटी अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'इस प्रकार के कारोबार की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ग्राहक ओरल केयर जैसे एक ही क्षेत्र में और कुछ ही जगहों पर अधिक केंद्रित होते हैं जबकि दुनिया भर में प्लास्टिक का उपयोग छोडऩे का अभियान चल रहा है।' उदाहरण के तौर पर, एस्सेल प्रोपैक के भारतीय कारोबार का आकार करीब 1,400 करोड़ रुपये है और उसे करीब 50 फीसदी राजस्व ओरल केयर श्रेणी से आता है। इस श्रेणी के ग्राहकों में कोलगेट, पीऐंडजी से लेकर पतंजलि और चीन की वीमिजी शामिल हैं।
ऐसे में ब्लैकस्टोन के लिए क्या चुनौतियां हैं। फिलहाल उसे नई ट्यूब पैकेज श्रेणियों में विस्तार करना है। इसमें औषधि, फूड और पर्सनल केयर श्रेणी के उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा यूरोप, चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में कारोबार का विस्तार करना भी एक प्रमुख चुनौती होगी।
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