मूडीज ने घटाया जीडीपी वृद्धि का अनुमान | अरूप रॉयचौधरी / नई दिल्ली November 14, 2019 | | | | |
भारत के के्रडिट रेटिंग परिदृश्य में कटौती करने के बाद मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज कैलेंडर वर्ष 2019 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है। खपत में मंदी की वजह से ऐसा किया गया है। बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक और सीएलएसए ने 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था, जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारतीय रिजर्व बैंक के कम किए गए अनुमान से भी नीचे है, जिनका अनुमान अभी भी 6 प्रतिशत के आसपास है।
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'भारत की आर्थिक मंदी पहले की उम्मीद से भी खराब है। इसे देखते हुए हमने भारत की वृद्धि का अनुमान घटा दिया है।' इसने कहा है कि 2020 और 2021 में जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 6.6 और 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मौजूदा मंदी को लेकर अभी समस्या यह है कि खपत मांग बहुत सुस्त हो गई है।' मूडीज ने कहा है कि सरकार ने कॉर्पोरेशन कर में कटौती और सेक्टर के हिसाब से घोषणाएं की हैं, लेकिन हाल फिलहाल में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे व्यापक पैमाने पर खपत मेंं कमी की समस्या से सीधे तौर पर निपटा जा सके, जो अर्थव्यवस्था की मुख्य संचालक है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'घरेलू महंगाई का दबाव कम होने, तेल के दाम कम होने व वैश्विक वजहों से केंद्रीय बैंंक को मौका है कि वह मौद्रिक नीति और आसान करे। बहरहाल उधारी दरों का ब्याज पर असर कम है और गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र पर दबाव बना हुआ है।' पिछले सप्ताह मूडीज ने भारत का परिदृश्य स्थिर से नकारात्मक की श्रेणी में डाल दिया था। चल रही आर्थिक मंदी, ग्रामीण इलाकों में वित्तीय दबाव, नौकरियों का सृजन सुस्त होने और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नकदी संकट की वजह से ऐसा किया गया था।
मूडीज ने भारत की बीएए2 दीर्घावधि सॉवरिन रेटिंग की पुष्टि की है, जो दूसरा न्यूनतम निवेश ग्रेड स्कोर है। लेकिन साथ ही कहा है कि नकारात्मक परिदृश्य से संकेत मिलता है कि कम अवधि में सुधार होने की संभावना कम है। महज 2 साल पहले नवंबर 2017 में इसने भारत की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी थी।
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