प्याज आयात नियमों में राहत की अवधि बढ़ी | भाषा / नई दिल्ली November 13, 2019 | | | | |
कृषि मंत्रालय ने आयातित प्याज के मामले में कीटनाशक छिड़काव संबंधी नियमों में ढील की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि घरेलू बाजार में जल्द से जल्द आपूर्ति बढ़ाई जा सके। हाल के दिनों में खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई पर जा पहुंची हैं। कृषि मंत्रालय ने 6 नवंबर को प्लांट क्वेरंटाइन (पीक्यू) ऑर्डर, 2003 के तहत 30 नवंबर तक कीटनाशक छिड़काव (धूम्रीकरण) मानक में ढील दी थी ताकि अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान से प्याज की आयात सुविधा दी जा सके और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगे।
मंत्रालय ने आज के अपने आदेश मेंं कुछ शर्तों के साथ प्याज के आयात के लिए धूम्रीकरण नियमों में दी गई छूट की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इसमें कहा गया है जिन व्यापारियों ने बिना किसी कीटनाशक गैस छिड़काव के प्याज का आयात किया है या फाइटोसैनेटिक प्रमाण पत्र (पीएससी) पर इस तरह के उपचार का वादा किया है, उन्हें एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से भारत में धूम्रीकरण की अनुमति दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि इस आयात की खेप को अलग रखने वाले संगरोधन अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से निरीक्षण किया जाएगा और केवल तभी जारी किया जाएगा जब वे भारत की चिंता वाले कीटों और बीमारियों से मुक्त पाए जाएंगे। इसके अलावा, प्याज की ऐसी खेप को 2003 के पीक्यू ऑर्डर के तहत शर्तों का पालन नहीं करने के कारण चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क नहीं देना होगा। मौजूदा समय में, आयातित प्याज को देश में मिथाइल ब्रोमाइड से धूम्र-उपचार और निर्यात करने वाले देश द्वारा प्रमाणित करने के बाद देश में लाने की अनुमति है। इस प्रावधान का पालन न करने पर आयातकों को भारी शुल्क देना पड़ता है।
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