सितंबर तिमाही में 4 प्रतिशत वृद्धि के संकेत | अभिषेक वाघमारे / नई दिल्ली November 12, 2019 | | | | |
भारतीय उद्योग पर नजर रखने वालों ने उत्पादन में सुस्ती की वजह से जुलाई सितंबर अवधि (वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही) के लिए वृद्धि दर का अनुमान घटा दिया है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वृद्धि दर का अनुमान 4.2 से 4.7 प्रतिशत रखा है, लेकिन उनका कहना है कि यह 4 प्रतिशत के आसपास किसी जगह पर ठहर सकती है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस समय सेवा क्षेत्र की गतिविधियां भी दूसरी तिमाही में वृद्धि दर को नीचे लाती नजर आ रही हैं। हालांकि आगे की स्थिति के बारे में उनका अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस वित्त की अगली दो नीतिगत बैठकों में दरोंं में 50 आधार अंक की कटौती करेगा, लेकिन उनका कहना है कि दरों में कटौती का असर अब बेअसर हो गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वैश्विक मंदी से घरेलू मंदी को जोड़ते हुए वृद्धि दर का अनुमान कम कर दिया है। स्टेट बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2020 के लिए स्टेट बैंंक ने अपना अनुमान 5 प्रतिशत रखा है। इसने मंदी को मनी मल्टीप्लाटर की सुस्ती से जोड़ा है, जो वह दर है, जिससे मुद्रा की आपूर्ति में आरक्षित मुद्रा के हिसाब से बदलाव होता है। यह सुस्ती बैंकों सहित वित्तीय व्यववस्था को जोखिम मुक्त करने और डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी की वजह से है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मौजूदा वृहद आर्थिक माहौल में मौद्रिक नीति वित्तीय नीति की तुलना में कम प्रभावी नजर आ रही है। कम ब्याज दर होना इस बात की गारंटी नहीं है कि इससे निवेश मांग बढ़ेगी।'
सुस्ती के बारे में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वृद्धि अब तक निचले स्तर पर नहीं पहुंची है। केयर रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, 'हमारा मानना है कि सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.5 प्रतिशत बढ़ेगी और 5 प्रतिशत से कुछ नीचे रहने का संकेत निचले स्तर से बहुत दूर है।' उन्होंने कहा कि इस समय सेवा क्षेत्र की स्थिति भी खराब है। उन्होंने कहा, 'कर्ज और जमा में वृद्धि जहां दो अंकों में है, ट्रेड, माल भाड़ा, हवाई यातायात की वजह से सेवा क्षेत्र नीचे आ रहा है।' इक्रा में प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद सरकार द्वारा व्यय बढ़ाने का असर दूसरी तिमाही की वृद्धि पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, 'मंदी में कुछ सकारात्मक बातें भी है, जैसे कच्चे माल का कम दाम, सरकार द्वारा दूसरी तिमाही में व्यय बढ़ाना और कुछ बैंकों के मुनाफे में बढ़ोतरी।' नोमुरा में मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रहेगी, जितना एसबीआई ने अनुमान लगाया है। कोटक सिक्योरिटीज में मुख्य अर्थशास्त्री शुभदीप रक्षित का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में वृद्धि 4.7 प्रतिशत रहेगी। इसके पहले कोटक सिक्योरिटीज ने 5.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। रक्षित ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'अक्टूबर महीने में ऑटो सेल्स में कुछ तेजी है, जो त्योहारी बिक्री की चमक हो सकती है। इसके अलावा सीमेंट और स्टील के दाम में कुछ बढ़ोतरी को मांग बढऩे का संकेत नहीं माना जा सकता है।'
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