डी बीयर्स वापस लेगी कच्चे हीरे लौटाने की सुविधा! | विनय उमरजी / अहमदाबाद November 12, 2019 | | | | |
अधिकृत खरीदारों या कंपनियों (साइटहॉल्डर्स) को अक्टूबर से नवंबर तक की अवधि में बेचे गए कच्चे हीरों में से दो से 30 प्रतिशत तक वापस लिए जाने की सुविधा देने वाली नीतियों में परिवर्तन के बाद डी बीयर्स दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 तक फिर से अपनी मूल नीति पर लौट सकती है। तराशे हुए हीरों की मांग और बिक्री में चुनौतियों को देखते हुए कच्चे हीरे की अधिक आपूर्ति के बीच इस 130 साल से भी ज्यादा पुरानी कंपनी ने पिछले दो महीने में हीरे लौटाने की नीतियों में ढील प्रदान की थी। हालांकि पश्चिमी देशों में त्योहारी सीजन के कारण भारत से तराशे हुए हीरों के निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन अधिक आपूर्ति वाले परिदृश्य के कारण इसमें नरमी आने वाली है। इस वजह से डी बीयर्स कच्चे हीरों के कुछ समिति वर्गों को छोड़कर हीरे वापस नहीं लेने की अपनी मूल नीति पर लौट रही है।
पिछले कई महीनों से भारतीय हीरा प्रसंस्करण उद्योग कार्यशील पूंजी की तंगी का सामना करते हुए तराशे हुए हीरों के स्टॉक में अधिकता की स्थिति से जूझ रहा था। माना जाता है कि इस समस्या से निपटने के लिए डी बीयर्स ने बेचा हुआ माल वापस लेने की सुविधा प्रदान की थी। भारत डायमंड बॉर्स (बीडीबी) के अध्यक्ष और मोहित डायमंड्स के निदेशक अनूप मेहता ने कहा कि पिछले महीने जब डी बीयर्स ने साइटहोल्डर्स को कच्चे हीरे दिए तो उन्हें छंटाई के बाद 30 फीसदी माल वापस करने की छूट दी गई थी। विनिर्माताओं की मदद के लिए ऐसा किया गया था क्योंकि पिछले डेढ़ साल से बाजार मुश्किल झेलता आ रहा है और वे अपने ग्राहकों की सहायता करना चाहते थे। इस महीने उन्होंने कीमतों में सुधार किया और कहा कि वे केवल 20 फीसदी माल की ही पुनर्खरीद करेंगे। लेकिन अब उम्मीद है कि दिसंबर और जनवरी तक, जब बाजार के लिहाज से दाम सही होते हैं, तो वे अपनी पुरानी नीतियों पर ही लौट जाएंगे जिसमें साइटहोल्डर्स को 100 प्रतिशत माल लेना होता है। इसमें बड़े आकार की कुछ खरीद अपवाद है जिसमें आप 10 प्रतिशत अस्वीकृत माल लौटा सकते हैं।
मेहता के अनुसार पिछले चार महीनों से डी बीयर्स बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत तक की कमी कर रही है। अब परिदृश्य बदल चुका है। कच्चे हीरे की आपूर्ति और तराशे हुए हीरों की खपत कमोबेश बराबर हो गई है। इसलिए अब तराशे हुए हीरों पर और अधिक दबाव नहीं दिख रहा है तथा अमेरिका में बिक्री भी अच्छी नजर आ रही है। इससे भी मदद मिल रही है। बहुत जल्द वे कुछ बड़ी खरीद पर ही 10 प्रतिशत वापसी वाली अपनी पुरानी नीति पर लौटना चाहेंगे। इस संबंध में डी बीयर्स को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2019 में अमेरिका को किए जाने वाले सकल निर्यात में 2.05 प्रतिशत की गिरावट दिखी और यह 3.46 अरब डॉलर रहा है, जबकि अक्टूबर 2019 में निर्यात 3.5 अरब डॉलर था। सितंबर में 6.24 प्रतिशत और अगस्त में 14.4 प्रतिशत गिरावट रही।
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