गोदरेज कंज्यूमर का वित्तीय परिणाम उम्मीद से बेहतर | श्रीपाद ऑटे / November 12, 2019 | | | | |
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) द्वारा सितंबर तिमाही के लिए जारी किए गए वित्तीय नतीजों से बाजार उत्साहित है। कंपनी का शेयर पिछले सप्ताह बुधवार को 2.7 प्रतिशत तक की वृद्घि के साथ बंद होने से पहले 5 प्रतिशत तक चढ़ गया था। जीसीपीएल ने सितंबर तिमाही के लिए उम्मीद से बेहतर परिणाम दर्ज किया है। जीसीपीएल का शुद्घ लाभ 413.9 करोड़ रुपये रहा जो ब्लूमबर्ग के 388 करोड़ रुपये के अनुमान से ज्यादा है। शुद्घ लाभ में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की गिरावट आई। खासकर एक साल पहले की तिमाही में एकमुश्त लाभ को ध्यान में रखकर इस साल की सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर यह कमी दर्ज की गई है। कर-पूर्व लाभ और असाधारण मदों के लिए आंकड़ा 497.9 करोड़ रुपये पर रहा जो सालाना आधार पर 21.7 प्रतिशत तक की वृद्घि है, और प्रबंधन के अनुसार वित्त वर्ष 2020 में नई कम कर दर का कोई असर नहीं दिखेगा।
जहा राजस्व सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत तक घटकर 2,608 करोड़ रुपये पर रहा जो विश्लेषकों के 2,690 करोड़ रुपये के अनुमानों से कुछ कम है, लेकिन यह नरमी कमजोर खपत परिवेश के बीच बिक्री बढ़ाने के प्रयासों में छूट जैसे प्रोत्साहन ऑफरों की वजह से आई। जीसीपीएल ने एक साल पहले की तिमाही में 5 प्रतिशत की तेजी के बावजूद घरेलू बिक्री में 7 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की। प्रबंधन के अनुसार अल्पावधि में भी, बिक्री-केंद्रित रणनीति जीसीपीएल के घरेलू व्यवसाय (समेकित बिक्री का 55 प्रतिशत) के लिए भी बरकरार रहने की संभावना है।
दो प्रमुख सेगमेंट्स कीटनाशक दवाओं और साबुन (घरेलू बिक्री का लगभग 75 प्रतिशत) में से प्रत्येक ने दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में इन सेगमेंट में धीमी बिक्री या गिरावट दर्ज की गई थी। वैल्यू के संदर्भ में, जहां घरेलू कीटनाशक व्यवसाय ने दूसरी तिमाही में बिक्री में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, वहीं ऊंची कीमत कटौती करने वाले साबुन व्यवसाय ने राजस्व में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की कमी दर्ज की। दरअसल, शुरू में अवैध अगरबत्तियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से दबाव झेल चुके घरेलू कीटनाशक सेगमेंट में मजबूत सुधार से निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। कंपनी प्रबंधन का मानना है कि ऐसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा अब जीसीपीएल जैसी संगठित क्षेत्र की कंपनियों के लिए पीछे छूट चुकी है। अवैध और सस्ती अगरबत्तियों के नुकसानदायक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाए जाने से संगठित क्षेत्र की कंपनियों को मदद मिली है।
घरेलू व्यवसाय में कम बिक्री प्राप्ति के अलावा, अफ्रीकी व्यवसाय में भी सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की कमी से भी कुल राजस्व प्रदर्शन प्रभावित हुआ है। हालांकि इंडोनेशियाई व्यवसाय में बिक्री दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत तक बढ़ी, और इससे कंपनी को काफी हद तक मदद मिली। इंडोनेशिया और अफ्रीका दो प्रमुख क्षेत्र हैं और जीसीपीएल के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में इनका 80 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है। कीमत कटौती और कम प्राप्तियों के बीच, जीसीपीएल ने उत्पादन लागत में नरमी की वजह से परिचालन मार्जिन में बड़ा सुधार दर्ज किया है। इसका एबिटा सालाना आधार पर 345 आधार अंक तक बढ़कर 21.7 प्रतिशत पर रहा। अफ्रीका समेत अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र ने भी मार्जिन के संदर्भ में कुछ ताकत प्रदान की। इन सब बदलावों से जीसीपीएल के लिए सुधरते आय परिदृश्य का संकेत मिलता है।
एसबीआईकैप सिक्योरिटीज में विश्लेषक नितिन गुप्ता कहते हैं, 'अंतरराष्ट्रीय मार्जिन में सुधार से जीसीपीएल के लिए कुल आय अपग्रेड में मदद मिलेगी।' हालांकि एसबीआईकैप सिक्योरिटीज का मानना है कि लगातार राजस्व सुधार जरूरी होगा। भविष्य में भी, उत्पादन लागत की राह कम से कम अगले चार-पांच महीनों के लिए अनुकूल बने रहने की संभावना है। इससे जीसीपीएल को मार्जिन सुरक्षित बनाने तथा बिक्री बढ़ाने पर ध्यान देने में मदद मिलेगी। बिक्री वृद्घि को नए उत्पाद प्रवाह से भी गति मिलेगी। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि विपणन निवेश की मदद से नए उत्पादों की बिक्री में तेजी लाने में सफलता मिलेगी। इसलिए अब यह देखना जरूरी होगा कि कि जीसीपीएल किस तरह से अपनी बिक्री और मार्जिन की गति को बरकरार रखेगी और शेयर मूल्यांकन पर भी इसका असर दिखेगा। यह शेयर मौजूदा समय में अपने वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित आय के लगभग 40 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो उसके ऐतिहासिक पांच वर्षीय मूल्यांकन के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्घि है।
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