यूपीएल के लिए वित्त वर्ष 2020 का लक्ष्य नहीं आसान | उज्ज्वल जौहरी / November 12, 2019 | | | | |
सितंबर तिमाही में उम्मीद से कमजोर नतीजों की घोषणा के बाद यूपीएल का शेयर दो कारोबारी सत्रों में 9 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया था। सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की एबिटा वृद्घि बाजार को प्रभावित करने में नाकाम रही, क्योंकि इससे कंपनी के लिए वित्त वर्ष 2020 का 16-20 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। विपरीत उत्पाद मिश्रण, भौगोलिक चुनौतियों, और मौद्रिक हलचल की वजह से पैदा हुए मार्जिन दबाव से परिचालन लाभ उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। शुद्घ लाभ स्तर पर मुख्य समस्या अनुमान से ज्यादा विदेशी मुद्रा के नुकसान और कर दर की वजह से पैदा हुई।
कंपनी के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में यूरोप ने लगातार निराश किया है। कंपनी को विपरीत बाजार हालात (फ्रांस में कानून, ब्रेक्सिट, चुकंदर की कीमतों में गिरावट और मौसम) की वजह से यूरोपीय बाजार में वृद्घि पर दबाव का सामना करना पड़ा है। कंपनी के कुल राजस्व में 12 प्रतिशत का योगदान रखने वाले इस क्षेत्र की वृद्घि एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले घटकर महज 1 प्रतिशत रह गई। चुनौतियों में उत्तर अमेरिका ने भी योगदान दिया है। मौसम स्थिति के साथ साथ व्यापारिक तनाव से भी सोयाबीन का रकबा प्रभावित हुआ। उत्तर अमेरिका और शेष दुनिया की बिक्री (कुल में लगभग एक-चौथाई का योगदान) सालाना आधार पर 4 प्रतिशत घटी है। वहीं अमेरिकी व्यवसाय ने सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की बिक्री वृद्घि दर्ज की। भारत में बिक्री में कुछ सुधार दिखा और कंपनी ने देश में 6 प्रतिशत की राजस्व वृद्घि दर्ज की।
अरिस्टा अधिग्रहण के बाद वृद्घि को लेकर बाजार की उम्मीदें बरकरार हैं। हालांकि पहली छमाही की निराशा से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि 11 प्रतिशत की एबिटा वृद्घि को अरिस्टा से संबंधित 190 करोड़ रुपये के लाभ से मदद मिली। ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2020/वित्त वर्ष 2021 में लागत संबंधी लाभ 5/10 करोड़ डॉलर (8-10/20 करोड़ डॉलर के अनुमान की तुलना में) रहने का अनुमान जताया है। कंपनी ने सितंबर तिमाही में अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं होने के बावजूद वित्त वर्ष 2020 के दौरान 16-20 प्रतिशत की एबिटा वृद्घि के अपने अनुमान को बरकरार रखा है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि दूसरी छमाही के दौरान लगभग 25 प्रतिशत की संभावित एबिटा वृद्घि चुनौतीपूर्ण हो सकती है। विश्लेषक अपने वित्त वर्ष 2020 के अनुमान घटा रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2020/वित्त वर्ष 2021 के लिए अपने मुनाफा अनुमानों में 13 प्रतिशत और 6 प्रतिशत तक की कमी की है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि अरिस्टा अधिग्रहण की वजह से बड़ा कर्ज चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है, क्योंकि कर्ज-पूंजी अनुपात वित्त वर्ष 2018 के 0.4 गुना से बढ़कर वित्त वर्ष 2019 में 1.8 गुना पर पहुंचा गया।
कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान कर्ज में 50 करोड़ डॉलर तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि विश्लेषक खासकर वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में परिचालन मोर्चे पर कंपनी की चुनौतियों को देखते हुए सतर्क बने हुए हैं। आईआईएफएल के विश्लेषकों का कहना है कि कर्ज घटाने के संदर्भ में कंपनी का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण दिख रहा है।
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