बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास अगले महीने | बीएस संवाददाता / लखनऊ November 11, 2019 | | | | |
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के डेवलपरों के नाम तय हो गए हैं। अगले महीने इन दोनों परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। इसके साथ ही योगी सरकार ने स्थानीय निकायों के संसाधन बढ़ाने के लिए नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों को गृहकर के सालाना निर्धारण का अधिकार दे दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड और गोरखपुर एक्सप्रेसवे के लिए डेवलपरों के नाम को मंजूरी दे दी गई। ऊर्जा मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दोनों एक्सप्रेसवे का निर्माण ईपीसी मोड में किया जाएगा। चार लेन वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर लंबा होगा जिसकी लागत 7,768.81 करोड़ रुपये होगी। इसके लिए जमीन के अधिग्रहण पर 2,202.38 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 94 फीसदी जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने यूपी औद्योगिक एवं एक्सप्रेसवे प्राधिकरण (यूपीडा) के जरिये 2,157 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए जो निविदाएं मिली थीं उनमें से छहों पैकेजों का काम करने वालों के नाम तय कर दिए गए हैं। एक्सप्रेसवे के पहले व दूसरे पैकेज के लिए एप्को इन्फ्राटेक, तीसरे पैकेज के लिए अशोका बिल्डकॉन, चौथे व पांचवें पैकेज के लिए गॉवर समूह और छठे पैकेज के लिए दिल्ली बिल्डकॉन का चयन किया गया है। इसी तरह 3,024.10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 91 किलोमीटर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो पैकेजों में किया जाएगा। एप्को इन्फ्राटेक को पहले तो दिल्ली बिल्डकॉन को दूसरे पैकेज के निर्माण की जिम्मेदारी मिली है।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा के साथ धार्मिक स्थानों को विकसित करने वाली मैत्रेयी परियोजना का काम खुद कराने का फैसला किया है। पहले इस परियोजना को मैत्रेयी ट्रस्ट बना रहा था। पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि मैत्रेयी परियोजना के लिए प्रदेश सरकार ने जमीन दी थी।
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