एसबीआईकैप ने पहले दौर के वित्तपोषण के तहत 12 अटकी परियोजनाओं को चुना | अभिजित लेले और अनूप रॉय / मुंबई November 08, 2019 | | | | |
एसबीआईकैप वेंचर्स ने विशेष खिड़की के तहत वित्त पोषण के पहले दौर में 100 से 200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ करीब 12 अटकी आवासीय परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया है। एक वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के गठन और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में उसके पंजीकरण का काम शुरू हो चुका है। इसी दौरान एसबीआईकैप वेंचर्स ने अटकी अथवा देरी वाली आवासीय परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया है। एसबीआईकैप इस कोष के लिए निवेश मैनेजर के तौर पर भी काम करेगी।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स (एसबीआईकैप वेंचर्स की मूल कंपनी) के प्रबंधन निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजीव चड्ढा ने कहा कि फिलहाल करीब 12 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है और आगे यह सूची बढ़ेगी। अधिकतर अटकी परियोजनाएं आठ शहरों में हैं और उनमें से करीब 60 फीसदी परियोजनाएं मुंबई महानगरीय क्षेत्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हैं। चड्ढा ने कहा कि इस फंड की पहली बंदी इसी साल दिसंबर के अंत में होने का अनुमान है। सरकार प्रायोजक की भूमिका निभाएगी और 10,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगी। वित्तीय क्षेत्र के खिलाड़ी जैसे भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम नियामकों द्वारा निर्धारित निवेश प्रावधानों के अनुरूप योगदान करेंगे। बैंक इस कोष की 10 फीसदी रकम का निवेश कर सकते हैं जो 25,000 करोड़ रुपये है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सितंबर 2017 में एआईएफ में किसी बैंक के निवेश की सीमा 10 फीसदी निर्धारित की थी। इस प्रकार के निवेश पर भारी जोखिम होता है और निवेश की रकम बैंक की मुख्य इक्विटी पूंजी से घट जाती है। इसलिए बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात को झटका लगता है। इस कोष को श्रेणी-2 एआईएफ (डेट फंड) के तौर पर सेबी में पंजीकृत किया जाएगा। इस पर आंतरित रिटर्न दर करीब 15 फीसदी होगी। इस कोष के लिए पुनर्भुगतान की गुंजाइश भी सीमित होगी क्योंकि पूरी हो चुकी परियोजनाओं के बिकने से होनी वाली आमदनी से ही उसे रकम मिलेगी।
|