हाल में आई त्योहारी तेजी के बाद सर्दियों के पहले नवंबर के पहले सप्ताह में मुख्य मार्गों पर ट्रकों के औसत किराये में 3 से 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिल्ली के थिंक टैंक इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के पहले 5 दिनों के दौरान एक रिटर्न ट्रिप का औसत मालभाड़ा 85,500 रुपये रहा, जो अक्टूबर में औसतन 88,450 रुपये था। विश्लेषकों के मुताबिक आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहने के कारण देश के ज्यादातर इलाकों में ट्रकों की बिक्री सुस्त रह सकती है। आईएफटीआरटी के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने कहा, 'फसलों, त्योहारों व तमाम वाहन चालकों के छुट्टी पर चले जाने के कारण पिछले 2 महीने के दौरान ट्रक के किराये में तेजी रही।' त्योहार के बाद मांग खत्म हो गई और वाहन चालकर लौट आए. इसकी वजह से ट्रकों के किराये में कमी आई है। सिंह ने कहा कि क्षमता से ज्यादा आपूर्ति की स्थिति बन गई है। त्योहार के दौरान ट्रक विनिर्माताओं की स्थिति में भी सुधार हुई। लेकिन आर्थिक गतिविधियां सुस्त होने के कारण लदान में कमी आई है। टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन कारोबार के अध्यक्ष गिरीश वाघ ने कहा कि कुल मिलाकर स्टॉक कई साल के निम्न स्तर पर है। अक्टूबर में टाटा मोटर्स की मझोले और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में तेज गिरावट आई है। हालांकि वाघ कने कहा कि मासिक आधार पर देखें तो सितंबर की तुलना में अक्टूबर में बिक्री 7 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड की बिक्री में अक्टूबर महीने में संख्या के हिसाब से तेज गिरावट आई है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कंपनी की बिक्री 49.6 प्रतिशत गिरी है।
