बिजनेस-टू-कंज्यूमर कारोबार में लगी सभी कंपनियां अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए किसी न किसी तरीके से ऐप पर निर्भर होती है। सस्ते और सर्व-सुलभ इंटरनेट की मदद से ऐप के जरिये ब्रांड ग्राहकों से आसानी से जुड़ पा रहे हैं। हालांकि केवल ग्राहकों द्वारा ऐप डाउनलोड करना ही ऐप के जरिये ब्रांड की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए काफी नहीं है। हो सकता है कि ग्राहक ने केवल मुफ्त में मिलने वाले लाभ के लिए ऐप को डाउनलोड किया हो और बाद में उसे डिलीट कर दिया? इसका पता कैसे चले कि संबधित मोबाइल में ऐप निष्क्रिय अवस्था में पड़ा है जबकि उसकी मदद से ब्रांड की खरीद या ग्राहकों की संख्या बढऩी चाहिए थी। इंटरनेट के बाजार में सामग्री और ऐप के बढ़ते चलन के दौर में ब्रांड को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल ऐप के जरिये उपलब्ध ही नहीं हैं बल्कि ग्राहक सकारात्मक तरीके से उनके साथ जुड़े हैं। तकनीकी क्षेत्र के तीन लोगों ने इस संभावना को खोजा और वर्ष 2013 में मोबाइल मार्केटिंग आधारित 'सेवा के तौर पर सॉफ्टवेयर' (सैस) उत्पाद, क्लेवरटैप लॉन्च किया। आज के समय इसका मूल्यांकन 15 करोड़ डॉलर को पार कर चुका है और कई वैश्विक और भारतीय ब्रांड उत्पाद का प्रयोग कर रहे हैं। आनंद जैन, सुनील थॉमस और सुरेश कोंडामुडी द्वारा शुरू की गई क्लेवरटैप ने हाल ही में सिकोया कैपिटल इंडिया, टाइगर ग्लोबल मैनेटमेंट और एसेल पार्टनर्स की अगुआई वाली बी सीरीज के दौर में 2.6 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। एक्सेल पार्टनर्स में पार्टनर प्रशांत प्रकाश कहते हैं, 'क्लेवरटैप की मदद से कंपनियां बाजार संबंधी अपने निर्णयों को स्वचालित कर पा रही हैं जिससे सकारात्मक कारोबारी प्रभाव पड़ा है। इस अभियान में क्लेवरटैप का साथ देने के लिए हम काफी उत्साहित हैं।' कारोबारी मॉडल कंपनी ने ऐप निर्माताओं के लिए हाल ही में एक मोबाइल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है जिसमें उपयोगकर्ताओं से संपर्क करने जैसी अनेक विधाओं के लिए स्वचालन सुविधा विकसित की गई। पुश नोटिफिकेशन के लिए ऑटोमेशन, ग्राहकों द्वारा ऐप के उपयोग की निगरानी करना और एनालिटिक्स की मदद से मोबाइल ऐप्लीकेशन को बेहतर बनाने वाले बिंदुओं की पहचान कर बेहतर बनाया जाता है। कंपनी का मुख्यालय कैलिफोर्निया में स्थित है और उनका दावा है कि वह स्टार, सोनी, डोमिनोज, गोजेक, बुक माई शो और वोडाफोन जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर रही है। क्लेवरटैप के 100 से अधिक देशों में ग्राहक हैं और इसके प्रमुख क्षेत्र अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप, पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका हैं। कंपनी के अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया (सिंगापुर), यूरोप (लंदन, नीदरलैंड, स्पेन) और भारत (मुंबई) में मुख्यालय हैं। क्लेवरटैप का दावा है कि सालाना आधार पर उसके राजस्व में 250 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऐप एक मिनट में 2.6 करोड़ पुश नोटिफिकेशन का प्रसंस्करण करने का दावा करता है। जैन कहते हैं, 'हम ब्रांड को उपयोगकर्ता की खोज संबंधी भविष्यवाणी करने, उपयोगकर्ता का ध्यान और ग्राहक के उपयोग समय में सुधार करने और विभिन्न चैनलों से जुड़ाव में सुधार लाने के लिए उनके साथ संवाद करने में मदद करते हैं।' ग्राहक आमतौर पर सालाना पैक सबस्क्राइब करते हैं और अपने ऐप में सैस प्रोग्राम शामिल कर लेते हैं। कंपनी का दावा है कि वह 8,000 से अधिक ब्रांड के साथ काम कर रही है। गूगल एनालिटिक्स, फेसबुक और एडोबी द्वारा दी जा रही सेवाओं से अपनी सेवा को अलग बताते हुए जैन कहते हैं कि उनका उत्पाद 'फुल-स्टैक सिस्टम' है और मार्केटिंग तथा उत्पाद टीमें एक ही समय में इसका उपयोग कर सकती हैं। यह ऐप डेवलपर के लिए रियल टाइम डैशबोर्ड भी उपलब्ध कराता है जो किसी भी ऐप को इंस्टॉल या अनइंस्टॉल की संख्या, ऐप पर ग्राहक द्वारा खर्च किया गया समय आदि डेटा ट्रैक करता है। फिलहाल क्लेवरटैप में लगभग 170 कर्मचारी हैं जिसमें से 125 से ज्यादा भारत में कार्यरत हैं। कंपनी मार्केटिंग और कस्टमर फ्रंटएंड कैलिफोर्निया मुख्यालय से संभालती है और इंजीनियर भारत तथा अमेरिका में रहकर काम कर रहे हैं। चुनौतियां जैन बताते हैं, 'सबसे बड़ी चुनौती ऐप उपयोगकर्ताओं के ग्राहकों को बनाए रखने की अपनी रणनीति समझाने और इसका इस्तेमाल करना है।' वह कहते हैं कि जानकारी साझा करने और उसके उपयोग के लिए फोन मुख्य भूमिका में रहेंगे और क्लेवरटैप ग्राहकों के लिए इससे संबंधित रियल टाइम विश्लेषण तैयार करती है। कुछ क्षेत्रों में कंपनी लाभ में है और फिलहाल नए क्षेत्रों मेंं विस्तार के लिए निवेश कर रही है। वह कहते हैं, 'आज से पांच वर्ष बाद मैं क्लेवरटैप को वैश्विक कंपनी के तौर पर देखना चाहता हूं जो बैंक, खुदरा कारोबारी, दूरसंचार क्षेत्र आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रही होगी।'
