आतंकवाद पर हो मिलकर वार: मोदी | एजेंसियां / October 28, 2019 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूरोपीय संघ के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आतंकवाद से लडऩे के लिए करीबी अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। यूरोपीय संघ के 28 सांसदों ने जम्मू-कश्मीर के दौरे से एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। मोदी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) होनी चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मोदी ने उम्मीद जताई कि इन सांसदों के जम्मू-कश्मीर के दौरे से उन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने यह उम्मीद भी जताई की कि इससे उन्हें क्षेत्र के विकास और शासन की प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट नजरिया मिलेगा। प्रधानमंत्री ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ विशेष रूप से भारत और यूरोप जैसे लोकतांत्रिक समाजों के लिए चुनौती हैं। उन्होंने 28 सांसदों से कहा, 'आतंकवाद से लडऩे के लिए करीबी अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। आतंकी गतिविधियों का समर्थन या प्रायोजन करने वाले तथा आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए।' सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी यूरोपीय संघ के सांसदों को जम्मू-कश्मीर की स्थिति और सीमा पार से पैदा होने वाले आतंकवाद को लेकर जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों के बारे में कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को सर्वाधिक अहमियत देता है। उन्होंने कहा, 'हमारी रणनीतिक साझेदारी मौजूदा चुनौतीपूर्ण दौर में और भी महत्त्वपूर्ण है।'
मोदी ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का स्रोत है। उन्होंने कहा कि पक्षपात रहित और संतुलित व्यापक व्यापार एवं निवेश समझौता (बीटीआईए) उनकी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने व्यापार करने में सुगमता संबंधी रैंकिंग में सुधार का भी जिक्र किया जो 2014 में 142 थी और अब 63 हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे विशाल आकार, जनसांख्यिकी और विविधता वाले देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि शासन प्रणाली आज लोगों को आकांक्षा वाली दिशा में आगे बढऩे में सक्षम बना रही है। मोदी ने सभी भारतीयों के लिए जीवन जीने में सुगमता सुनिश्चित करने पर भी सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने को रेखांकित किया। उन्होंने स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत सहित सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता का जिक्र किया।
मोदी ने वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले यानी 2025 तक टीबी खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी चर्चा की, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ाना और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ आंदोलन शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से भी मुलाकात करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोपीय संघ के सांसदों का अपने कार्यकाल की शुरुआत से पहले भारत का दौरा करके उसके साथ अपने संबंधों को अहमियत देने की भी प्रशंसा की। भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर के दौरे को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य निजी हैसियत से जम्मू-कश्मीर का दौरा कर करेंगे और यह 'हमारी राष्ट्रीय नीति के साथ छेड़छाड़' है।
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