'खुदरा ऋण खाते पर नहीं है कोई दबाव' | अभिजित लेले और निधि राय / October 25, 2019 | | | | |
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ऐक्सिस बैंक ने 112 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया लेकिन इस अवधि में उसके वित्तीय नतीजे अच्छे रहे। ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने अभिजित लेले और निधि राय से बातचीत में कहा कि अब केवल वाणिज्यिक वाहन ऋण श्रेणी में दबाव दिख रहा है। पेश हैं मुख्य अंश:
स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय क्षेत्र में ऋण में चूक की घटनाएं बढ़ी हैं और अब इसका दायरा रियल एस्टेट क्षेत्र तक फैसल सकता है। ऐसा कब तक होने की आशंका है?
रियल एस्टेट की सबसे बड़ी समस्या करीब 40 अरब डॉलर की अधूरी परियोजनाएं हैं और इनमें से करीब 85 फीसदी परियोजनाएं मुंबई एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हैं। इसलिए बैंक रियल एस्टेट और एनबीएफसी को ऋण देने में काफी सतर्क रुख अपना रहे हैं। एनबीएफसी संकट की शुरुआत नकदी की समस्या से हुई लेकिन यह जाहिर तौर पर परिसंपत्ति श्रेणी में है। अब मैं आपकी नकदी की स्थिति नहीं जानना चाहता बल्कि हमारी नजर आपकी परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर होती है।
यदि आप डीएचएफएल पर नजर डालेंगे तो आपको उसके डूबते ऋण का भारी-भरकम खाता दिखेगा और यह पहले के मुकाबले कहीं अधिक खराब स्थिति में है। इसलिए समस्याएं तुरंत खत्म नहीं होंगी। अब यदि आप वित्तीय प्रणाली पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि कुछ कंपनियां संघर्ष कर रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा था कि नियामक 50 शीर्ष एनबीएफसी पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि वे प्रणाली में कोई समस्या पैदा न करें। मुझे नहीं पता कि वे ऐसा कैसे करेंगे। अल्टिको की अपेक्षा थी लेकिन पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक की नहीं। प्रणाली में काफी उथल-पुथल है और मुझे नहीं पता कि कौन उसे बचाएगा।
क्या आपने फोरेंसिक दृष्टि से इन खातों की जांच के लिए किसी को नियुक्त किया है?
फोरेंसिक अंकेक्षक की नियुक्ति कंसोर्टियम द्वारा की गई है। यदि आप एकल लेनदार नहीं हैं तो फोरेंसिक विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं कर सकते और अब कंसोर्टियम काफी दमदार है। पहले कारोबार करने के कई तरीके थे। इसलिए जब आप उनकी कंपनियों की फोरेंसिक जांच करेंगे तो पाएंगे कि रकम का हस्तांतरण हुआ है। ऐसे तमाम मामलों में बैंकर उन्हें इरादतन चूककर्ता कहते हैं और एजेंसी उनके बाद आती हैं।
आपने कहा कि मंदी के बावजूद खुदरा ऋण में वृद्धि हुई। लेकिन लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?
हमने ऐक्सिस बैंक के ग्राहकों और वेतनभोगी कर्मचारियों पर ध्यान केंद्रित किया है। कंपनियां बंद नहीं हो रही हैं लेकिन हो सकता है कि अनौपचारिक क्षेत्र में लोगों की नौकरी चली गई हो। हमारे बहीखाते पर 90 फीसदी से अधिक मौजूदा ग्राहक क्रेडिट कार्ड धारक हैं जबकि व्यक्तिगत ऋण श्रेणी में मौजूदा ग्राहकों की संख्या 80 फीसदी है और उनमें से अधिकतर वेतनभोगी ग्राहक हैं। इसलिए बहीखाते की गुणवत्ता दमदार बनी हुई है। केवल वाणिज्यिक वाहन ऋण श्रेणी में हमें कुछ दबाव दिख रहा है। यदि पूरा परिदृश्य प्रभावित होता है तो आप उससे अछूता नहीं रह सकते। वहां नरमी इसलिए दिख रही है क्योंकि लोग काफी सोच-समझकर खरीदारी कर रहे हैं।
हमें तेजी कहां दिख रही है?
ऐक्सिस बैंक के लिए वृद्धि कोई समस्या नहीं है क्योंकि हमारी बाजार हिस्सेदारी काफी छोटी है हमने अनुमान जाहिर किया है कि हम 6 फीसदी वृद्धि हासिल करेंगे। लेकिन हां, यदि आप पूरी अर्थव्यवस्था की बात करते हैं तो आईएलऐंडएफएस और डीएचएफएल अच्छे उदाहण हैं। समस्या यह है कि बुरी खबर को आने में काफी समय लगता है। सरकार ने कई उपायों की घोषणा की है लेकिन उसका फायदा मिलने में थोड़ा वक्त लगेगा। सबसे बड़ी घोषणा कॉरपोरेट कर में कटौती की थी लेकिन कंपनियों को उसका फायदा उठाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देना होगा।
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