बैंक कर्मियों का एकीकरण सॉफ्टवेयर से | नम्रता आचार्य / कोलकाता October 23, 2019 | | | | |
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के मानव संसाधन का एकीकरण पूर्ण रूप से स्वचालित सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाएगा। ऐसा एक बैंक की ओर से दूसरे बैंक के कर्मचारियों के साथ भेदभाव की गुंजाइश को समाप्त करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा अगले वित्त वर्ष के लिए सभी तबादलों और पदोन्नति का निर्णय विलय के परिणामस्वरूप बने बैंक की जगह संबंधित बैंकों द्वारा ही किया जाएगा। यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अशोक कुमार प्रधान के मुताबिक इस वित्त वर्ष के अंत तक एचआर एकीकरण पर बनी एक कार्य समिति विलय के तौर तरीकों का निर्धारण कर सकती है। विलय के लिए विभिन्न कार्यक्षेत्रों के तहत करीब 34 समितियां बनाई गई हैं।
प्रधान ने कहा, 'विलय प्रक्रिया में एचआर का एकीकरण प्रमुख मुद्दों में से एक है। लक्ष्य विलय के परिणाम स्वरूप बने बैंक में सभी कर्मचारियों को शामिल करने का है जिनकी संख्या करीब 10,000 है। इसे पूरी तरह से स्वचालित प्रक्रिया के जरिये अंजाम दिया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी तबादले और पदोन्नति शुद्घ पर योग्यता के आधार पर हो।' भले ही ज्यादातर बैंक बिल निकालने और यात्राओं आदि के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन सभी बैंक अपने कुल कर्मचारियों के मूल्यांकन के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं करते।
स्वाचालित तंत्र के माध्यम से सिस्टम में डाले गए आंकड़ों के आधार पर योग्यता के मुताबिक मूल्यांकन होगा। उदाहरण के लिए प्रदर्शन का मूल्यांकन कर्ज देने के लक्ष्य को पूरा करने, उसकी वसूली और दूसरी चीजों पर खर्च प्रबंधन के आधार पर किया जाएगा। इस तंत्र में ठोस मूल्यांकन के लिए निर्दिष्ट करने की प्रक्रिया और सहकमियों, कनिष्ठों और वरिष्ठों की समीक्षा को शामिल किया जाएगा। बैंकरों का कहना है कि मानव संसाधन के अलावा, विलय प्रक्रिया में एक और चुनौती सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मानना है कि हो सकता है कि बही खाता का विलय 1 अप्रैल, 2020 से उपलब्ध हो जाए, आधिकारिक तौर पर विलय की अधिसूचना जारी होने के बाद आईटी एकीकरण में एक वर्ष से भी अधिक समय लग सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी विलय योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का समेकन कर चार बैंक बनाया जाना है।
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