वेतन बढ़ा तो मजबूत बनाएं माली हालत | संजय कुमार सिंह / October 20, 2019 | | | | |
सरकार ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 12 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी कर उन्हें दीवाली का तोहफा देने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम से करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। डीए में यह बढ़ोतरी जुलाई महीने से लागू होगी। शायद सरकार आपसे यही उम्मीद कर रही होगी कि आप पैसा खर्च करें, उपभोग बढ़ाएं और अर्थव्यवस्था को मजबूती दें। लेकिन वेतन वृद्धि अपने वित्तीय लक्ष्यों की खाई को पाटने का सबसे उपयुक्त जरिया होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों को एकमुश्त राशि (जुलाई से एरियर) और उनके वेतन में बढ़ोतरी दोनों को लेकर सजग होना चाहिए। उन्हें प्राप्त धनराशि में से एक बड़ा हिस्सा बचाना चाहिए और एक छोटा हिस्सा मनमर्जी की चीजों पर खर्च करना चाहिए। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त बनी हुई है। कुछ सरकारी कर्मचारियों के पति या पत्नी निजी क्षेत्र में हो सकते हैं। ऐसे में अगर नियोक्ता अपने कर्मचारियों की तादाद घटाने लगे तो उन पर नौकरी जाने का जोखिम हो सकता है। वहीं सरकार का राजस्व संग्रह अनुमान के मुताबिक नहीं बढ़ रहा है, इसलिए भविष्य में सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्ते बढऩे में देरी हो सकती है या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को निजी क्षेत्र के समान नियमित रूप से वेतन वृद्धि नहीं मिलती है। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार विशाल धवन ने कहा, 'पिछली बार वेतन वृद्धि होने के बाद खर्चों में बढ़ोतरी हुई होगी और निवेश में कमी आई होगी, इसलिए सरकारी कर्मचारियों को उसकी भरपाई करनी की जरूरत है।' पिछले कुछ वर्षों के दौरान परिसंपत्तियों की कीमतों में तेज रफ्तार से बढ़ोतरी नहीं हुई है। इक्विटी से प्रतिफल कमजोर बना हुआ है, ब्याज दरें घट रही हैं (इसलिए निश्चित आय योजनाओं से प्रतिफल कम हुआ है) और रियल एस्टेट कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। केवल सोने ने पिछले एक साल के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। धवन ने कहा, 'सरकारी कर्मचारियों समेत सभी निवेशकों को ज्यादा निवेश करने की जरूरत है ताकि वे अपने निवेश लक्ष्य हासिल कर पाएं।'
सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली एकमुश्त राशि का इस्तेमाल ऋणों को पूर्व भुगतान में किया जा सकता है। इन्वेस्टऑनलाइन के संस्थापक अभिनव अंगिरीश ने कहा, 'अगर आपने घर या कार ऋण लिया हुआ है तो एरियर का इस्तेमाल बकाया मूलधन को घटाने में करें। समय-समय पर ऐसे पूर्व-भुगतान से कुल ब्याज देनदारी और ऋण अवधि को घटाने में मदद मिलती है।' उनका मानना है कि एकमुश्त प्राप्त राशि में से कम से कम 70 फीसदी का इस्तेमाल ऋणों का पूर्व भुगतान करने या निवेश करने में किया जाना चाहिए।
प्राप्त धनराशि के आधार पर सरकारी कर्मचारी इस अप्रत्याशित आमदनी का इस्तेमाल अपनी वित्तीय योजनाओं की खाई को पाटने में कर सकते हैं। अगर उन्होंने अभी तक कोई आपात कोष नहीं बनाया है तो वे इस धन का इस्तेमाल आपात कोष बनाने में कर सकते हैं। अगर उनका टर्म इंश्योरेंस पर्याप्त नहीं है या उन्हें व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (सरकार द्वारा मुहैया कराई जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त) की जरूरत महसूस हो रही है तो इस धनराशि का इस्तेमाल इन खाइयों को पाटने में कर सकते हैं। एकमुश्त धनराशि को खर्च करने के लालच से बचने के लिए सबसे पहले इस धनराशि को बैंक सावधि जमा या लिक्विड फंड में निवेश करें। जब आपका यह धनराशि प्राप्त होने का उत्साह ठंडा पड़ जाएगा तो फिर आप विचार कर सकते हैं कि इसे कहां लगाया जा सकता है।
सरकारी कर्मचारियों को अब ज्यादा वेतन मिलेगा, इसलिए उन्हें अपने निवेश में इसके अनुपात में बढ़ोतरी करनी चाहिए। वालिदुस वेल्थ के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु ने कहा, 'इस वेतन बढ़ोतरी का इस्तेमाल लंबी अवधि के लक्ष्य पूरे करने के लिए मौजूदा सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को बढ़ाने में करें।' व्यक्ति अपने परिसंपत्ति आवंटन के आधार पर आवर्ती जमा, सार्वजनिक भविष्य निधि, अल्पावधि डेट फंड और सोने में भी निवेश के बारे में विचार कर सकता है। जो लोग ऋण चुका रहे हैं, वे अपने ऋणदाताओं से मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ाने का आग्रह कर सकते हैं।
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