चिदंबरम के खिलाफ आरोपपत्र दायर | श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली October 18, 2019 | | | | |
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम और 12 अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया। जांच एजेंसी ने चिदंबरम और कार्ति पर कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें अवैध रूप से विदेशी निवेश की अनुमति देने और सरकार तथा करदाताओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। एजेंसी ने कहा कि इस मामले में एक अहम गवाह है, जिसने चिदंबरम पर धमकी देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि क्या गवाह ने यह संकेत भी दिया था कि आईएनएक्स को विदेशी निवेश हासिल करने की अनुमति गलत तरीके से दी गई थी।
सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, 'उसने (अनाम गवाह) ने धारा 164 (न्यायाधीश के समक्ष दर्ज बयान) के तहत बयान दिया कि उसे प्रभावित किया जा रहा है। आरोपपत्र में उस गवाह का नाम नहीं दिया गया है क्योंकि उसे धमकी दी गई थी।' माना जा रहा है कि सीबीआई ने उस व्यक्ति की पहचान सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। इससे पहले सीबीआई आरोपी से सरकारी गवाह बनी इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर निर्भर थी। उन्होंने भी आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की उसी धारा के तहत न्यायाधीश के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। इंद्राणी ने कहा था कि वह अपने पति पीटर मुखर्जी के साथ 2007 में चिदंबरम से मिली थीं। लेकिन कई लोगों ने उनके बयान को आधार बनाने की आलोचना की थी क्योंकि पीटर और इंद्राणी जेल में हैं और उन पर इंद्राणी की बेटी की हत्या का आरोप है।
एक हजार से अधिक पृष्ठों के आरोपपत्र में सीबीआई ने नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्याधिकारी सिंधुश्री खुल्लर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में सचिव रहे अनूप के पुजारी, हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव और पूर्व अवर सचिव रवींद्र प्रसाद सहित कई लोगों को नामजद किया है। ये अधिकारी वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में तैनात थे और उन्होंने अवैध रूप से आईएनएक्स को विदेशी निवेश संवद्र्घन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाई थी। इसके अलावा सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया और कार्ति की कंपनियों एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग लिमिटेड (एएससीएल) तथा चेस मैनेजमेंट सर्विसेज सहित कई कंपनियों को नामजद किया है। आरोप है कि एएससीएल और चेस मैनेजमेंट को एक जटिल व्यवस्था के जरिये रिश्वत मिल रही थी। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया है।
जांच एजेंसी ने इस मामले में मई 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप था कि आईएनएक्स मीडिया को 403.07 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश मिला था जबकि उसे केवल 4.62 करोड़ रुपये के एफडीआई की मंजूरी मिली थी। कंपनी पर यह आरोप भी है कि उसने एफआईपीबी से मंजूरी लिए बिना एफडीआई में मिली रकम में से 40.91 करोड़ रुपये अपनी सहयोगी कंपनी आईएनएक्स न्यूज में निवेश किए थे। यह विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) का उल्लंघन है। जांच के दौरान पाया गया था कि आईएनएक्स मीडिया में निदेशक इंद्राणी और पीटर ने फेमा के तहत अपने खिलाफ किसी कार्रवाई से बचने के लिए चिदंबरम, कार्ति और एफआईपीबी के अधिकारियों के साथ साठगांठ करके मामले को निपटाया था। चिदंबरम अभी ईडी की हिरासत में हैं और वह 55 दिन सीबीआई की न्यायिक हिरासत में रह चुके हैं।
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