अब ईडी की हिरासत में चिदंबरम | श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली October 16, 2019 | | | | |
आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल में 2 घंटे पूछताछ के बाद आज गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें रिमांड पर लेने के लिए गुरुवार को विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा। बुधवार को चिदंबरम की औपचारिक गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन एजेंसी ने दोपहर बाद विशेष सीबीआई अदालत में आवेदन दाखिल कर पुलिस रिमांड की मांग की, जिससे इस मामले में जरूरी होने पर जांच एजेंसी आरोपी को गिरफ्तार कर सके। इसी मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता 55 दिन तक सीबीआई और न्यायिक हिरासत में बिता चुके हैं।
विशेष न्यायधीश ने शुक्रवार को ईडी के आवेदन पर वारंट जारी किया था, जिसमें चिदंबरम को हिरासत में लेने की मांग की गई थी और न्यायालय ने आदेश दिया था कि पूर्व मंत्री 14 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष पेश हों। सूत्रों ने कहा कि ईडी जानबूझकर हिरासत में लेकर जांच करने में देरी कर रहा है क्योंकि वह इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेजों की जांच कर रहा है। जांच एजेंसी विभिन्न स्रोतों से साक्ष्य एकत्र कर रही है, जिसमें विदेशी जांच एजेंसियां भी शामिल हैं। ईडी के अधिकारी ने कहा, 'ईडी को अब उनकी (चिदंबरम) हिरासत मेंं जांच की जरूरत है, जिससे साक्ष्यों की पुष्टि की जा सके, जो जांच के दौरान सामने आए हैं। हमने इस मामले से जुड़े 13-14 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें केवीआर पेरुमल शामिल हैं, जिन्होंने चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते उनके निजी सचिव के रूप में काम किया था।'
बीते दिनों में जांच एजेंसी ने पेरुमल से दो बार पूछताछ की है। पिछले सप्ताह चिदंबरम के पुत्र कार्ति से भी जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी। सूत्रों ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री को 10-12 जानकारियों से जुड़े मामलों में सवालों का सामना करना पड़ सकता है। मुख्य सवाल शेल कंपनियों से जुड़े रिश्वत को लेकर हैं, जिन्हें कथित रूप से पूर्व वित्त मंत्री के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने खोली थी, जब तमाम कॉर्पोरेट्स को विदेशी निवेश संवंर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मंजूरियां दी जा रही थीं। इसके अलावा चिदंबरम द्वारा इस मामले में प्रमुख गवाहों के बयानों पर सफाई मांगी जा सकती है। ईडी की जांच में करीब दो दर्जन विदेशी बैंंक खातों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल गैर कानूनी रूप से पूर्व मंत्री द्वारा पक्ष लेने के एवज में मिले रिश्वत के धन को जमा करने में किया गया है।
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