बिजली मसले पर आंध्र को केंद्र की चेतावनी | बीएस संवाददाता / हैदराबाद October 15, 2019 | | | | |
केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वह दो दिनों में उसके साथ बिजली खरीद समझौता करने वाले पवन और सौर बिजली उत्पादकों के लिए साख पत्र (एलसी) जारी नहीं करता है तो वह उसे केंद्रीय पूल और बिजली एक्सचेंजों से बिजली पहुंच रोक देगी। केद्र सरकार का यह रुख राज्य की बिजली कंपनियों की ओर से राज्य बिजली नियामक आयोग (एपीईआरसी) में सभी पवन और सौर पीपीए में शुल्कों में भारी कटौती करने के लिए याचिका दायर करने के बाद आया है। जबकि केंद्र सरकार ने इन समझौतों में संशोधन के खिलाफ कड़ा रुख जताया है।
शुल्कों में कटौती पर जोर देने के अलावा राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि उसके पास पवन और सौर ऊर्जा उत्पादकों का बकाया चुकाने के लिए पैसे नहीं है। इससे पवन और सौर ऊर्जा उत्पादकों में और अधिक निराशा है। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए राज्य के ऊर्जा मंत्री बालीनेनी श्रीनिवास रेड्डी ने पिछले हफ्ते केंद्र सरकार से नीति बनाकर अक्षय ऊर्जा की वित्तीय देयताओं को अपने पास लेने का अनुरोध किया था। इस मामले में अब तक का सबसे कठोर कदम उठाते हुए निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश सरकार को दो दिन की मोहलत दी है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को वहां की बिजली कंपनियों को की गई ऊर्जा आपूर्ति के बिल का त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए साख पत्र का तंत्र बनाने को कहा है। ऊर्जा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की पुष्टि की है।
राज्य केंद्रीय बिजली स्टेशनों से करीब 2 करोड़ यूनिट बिजली लेता है और एक्सचेंज 24 घंटे बिजली आपूर्ति बाध्यताओं को पूरा करते हैं। ऐसे में केंद्रीय पूल और बिजली एक्सचेंजों तक राज्य की पहुंच रोकने का मतलब अपरिहार्य बिजली अनुपयोगिता काल को बढ़ाना होगा।
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