टीसीएस, इन्फी की अलग-अलग रणनीति | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरु October 15, 2019 | | | | |
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि देश की शीर्ष दो आईटी सेवा कंपनियों- टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस- ने राजस्व में वृद्धि के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई है। इन दोनों आईटी कंपनियों के नेतृत्व ने वित्तीय सेवा एवं खुदरा जैसी प्रमुख कारोबारी क्षेत्र की मांग में नरमी के अलावा वृहत आर्थिक कारकों के लिए चिंता जताई है लेकिन भविष्य की वृद्धि के लिए उनके आत्मविश्वास के स्तर में काफी अंतर है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि टीसीएस आक्रामक तरीके से बड़े आईटी आउटसोर्सिंग अनुबंध हासिल करने की कोशिश कर रही है और तिमाही राजस्व में अंतर का यह एक प्रमुख कारण है। जहां तक इन्फोसिस का मामला है तो विशेषज्ञों का कहना है कि हाल में उसने अधिग्रहण और संयुक्त उद्यम के जरिये जो साझेदारी की थी उसका फायदा अब मिलने लगा है।
पारीख कंसल्टिंग के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, 'अधिक राजस्व आधार के साथ टीसीएस बड़े सौदे हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और वह उन सौदों के लिए उत्पाद एवं समाधान पर काफी निवेश कर रही है। बड़े सौदों की प्रकृति सुस्त होने के कारण लघु अवधि में आय कम दिख सकती है लेकिन सालाना आधार पर कंपनी अच्छी वृद्धि दर्ज कर सकती है।' उन्होंने कहा, 'इन्फोसिस के मामले में हाल में किए गए अधिग्रहण और संयुक्त उद्यम से राजस्व वृद्धि को काफी रफ्तार मिली है।'
उद्योग विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि टीसीएस ने वित्त वर्ष 2019 में 20.9 अरब डॉलर का सालाना राजस्व दर्ज किया था जबकि पिछले वित्त वर्ष के लिए इन्फोसिस का राजस्व 11.8 अरब डॉलर रहा था। ऐसे में टीसीएस के लिए इन्फोसिस जैसे अपने छोटे प्रतिस्पर्धियों के लिए मुकाबले राजस्व वृद्धि के मोर्चे पर काफी कम गुंजाइश बची है। एक अन्य आईटी आउटसोर्सिंग सलाहकार ने कहा, 'छोटे डिजिटल सौदों से टीसीएस के राजस्व को अधिक रफ्तार नहीं मिल सकती है जबकि इन्फोसिस के लिए इस प्रकार के सौदे काफी महत्त्वपूर्ण हैं जो बेहतर मार्जिन के साथ उसकी राजस्व वृद्धि को रफ्तार दे सकते हैं।'
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इन्फोसिस ने स्थिर मुद्रा आधार पर राजस्व में 11.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जो टीसीएस के मुकाबले अधिक है। इस दौरान टीसीएस की राजस्व वृद्धि 8.4 फीसदी रही। तिमाही के दौरान इन्फोसिस की वृद्धि का दायरा टीसीएस के मुकाबले कहीं अधिक व्यापक था। ब्रोकरेज फर्म शेयरखान ने एक नोट में कहा है, 'इन्फोसिस की खुद की राजस्व वृद्धि स्थिर मुद्रा आधार पर पिछली तिमाही के मुकाबले 2.4 फीसदी रही जो टीसीएस के मुकाबले अधिक है। इन्फोसिस के डिजिटल कारोबार की वृद्धि रफ्तार भी (टीसीएस के मुकाबले) लगातार दमदार रही है।' हालांकि ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि स्टेटर को छोड़कर बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में इन्फोसिस की वृद्धि कमजोर रही। इन्फोसिस ने इसी साल मार्च में एबीएन एमरो बैंक के इस गिरवी कारोबार का अधिग्रहण किया था।
जहां तक मार्जिन का सवाल है तो उसे युक्तिसंगत बनाने के लिए इन्फोसिस द्वारा की गई पहल और स्वचालन गतिविधियों से दूसरी तिमाही में उसके मुनाफे को बल मिला। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा है, '180 आधार अंकों के सुधार के साथ उपयोगिता 84.9 फीसदी (प्रशिक्षुओं को छोड़कर) होने, विदेश में काम को बढ़ाने और अन्य परिचालन संबंधी कुशलताओं से इन्फोसिस को अपने मार्जिन में सुधार लाने में मदद मिली।' जहां तक टीसीएस का सवाल है तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका परिचालन मार्जिन क्रमिक आधार पर 20 आधार अंकों की गिरावट के साथ 24 फीसदी रह गया।
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