बिहार सरकार ने बाढ़ और सूखे से फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराने का आदेश दिया है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर क्षति का आकलन लगाया जाएगा। इस बारे मे अधिकारियों को एक हफ्ते के भीतर मुख्यालय में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। इसी आधार पर राज्य सरकार सूखे का ऐलान करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना में राज्य मे बाढ़ और सूखे की स्थिति की समीक्षा की। इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को इस बारे में काम शुरू करने का आदेश दिया। बैठक में इसके लिए मंगलवार तक की स्थिति को आधार मानकर फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया गया। इसके तहत खेतों में दरार, फसलों के मुरझाने और 33 फीसदी तक फसलों की क्षति के आधार पर आकलन किया जाएगा। इसी आधार पर किसानों को कृषि इनपुट अनुदान का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री के मुताबिक इससे किसानों को रबी की खेती करने में मदद मिलेगी। इस वर्ष बिहार के 13 जिले बाढ़ से प्रभावित रहे, तो वहीं 22 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। राज्य में दरभंगा, मधुबनी और कोसी इलाके के कई जिलों मे बाढ़ की स्थिति रही। शुरुआती आकलन के मुताबिक बाढ़ से राज्य में किसानों को 350 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं, बेगूसराय, नवादा, औरंगाबाद और सासाराम जिलों में औसत से काफी कम बारिश हुई। इस वजह से राज्य में बड़े इलाके में इस बार धान की खेती नहीं हुई। राज्य सरकार के मुताबिक इस बार धान के रकबे में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। दलहन और तिलहन के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है।
