मेट्रोपोलिस और डॉ. लाल पैथलैब्स जैसी स्वास्थ्य जांच कंपनियों का शेयर बाजार में प्रदर्शन शानदार रहा है। मई के निचले स्तर से उनकी शेयर कीमतें 30 प्रतिशत तक चढ़ी हैं और मौजूदा समय में ये अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर से बहुत ज्यादा दूर नहीं हैं। हालांकि मंदी की चिंताओं के बीच इस अवधि के दौरान प्रमुख सूचकांक अस्थिर बने रहे, लेकिन इन पैथोलॉजी लैबोरेटरी कंपनियां निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहीं।
मजबूत व्यावसायिक वृद्घि परिदृश्य को देखते हुए भविष्य में इनमें और मजबूती आने के आसार हैं। वित्त वर्ष 2019 की 33-38 प्रतिशत की इनकी प्रभावी दर को देखते हुए इन कंपनियों को कॉरपोरेट कर दरों में कटौती का भी लाभ मिलेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2020-22 के लिए इन स्वास्थ्य जांच कंपनियों के संदर्भ में अपने अनुमान 13-14 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि संगठित कंपनियों के लिए संभावनाओं से संपन्न और तेजी से बढ़ रहे इस उद्योग में विकास के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। स्वास्थ्य बीमा में डायग्नोस्टिक टेस्ट को शामिल किए जाने, निवारक स्वास्थ्य जांच, और सरकार की आयुष्मान भारत योजना विकास के प्रमुख वाहक बने हुए हैं।
हालांकि जरूरी टेस्ट पर सरकार द्वारा संभावित कीमत सीमा को लेकर चिंताएं बरकरार हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि मजबूत पैठ और परीक्षणों के व्यापक दायरे से इन चिंताओं का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि परीक्षण के नियम एवं मानक बड़ी तादाद में असंगठित क्षेत्र की कंपनियों की मौजूदगी वाले उद्योग में जरूरी हैं। बड़ी पैथोलॉजी चेन के लिए, जांच की गुणवत्ता, मानक और प्रक्रियाओं पर ग्राहकों का भरोसा मददगार साबित हो रहा है। ऐम्बिट कैपिटल के विश्लेषकों का कहना है कि क्रियान्व्यन चुनौतियों को देखते हुए कीमत नियंत्रण ज्यादा सख्त नहीं होगा।
मेट्रोपोलिस, डॉ. लाल और थायरोकेयर जैसी बड़ी कंपनियां मुनाफे के मोर्चे पर भी अच्छी स्थिति में हैं। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर शेयर बाजार में शानदार प्रदर्शन करने वाला शेयर है और कंपनी की पश्चिम क्षेत्र में अच्छी उपस्थिति है और वह दक्षिण में भी विस्तार कर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी पश्चिम भारत में उसी तरह से अपना दबदबा बना रही है, जैसा कि उत्तर भारत में डॉ. लाल पैथलैब्स का वर्चस्व कायम है।
हाल में कंपनी ने गुजरात में कुछ पैथोलॉजी लैब्स के नए अधिग्रहण किए हैं। ऐम्बिट के विश्लेषकों का कहना है कि बी2सी राजस्व भागीदारी में वृद्घि भी शुभ संकेत है और इससे वित्त वर्ष 2019-22 के दौरान कंपनी के मुनाफे में सालाना 21 प्रतिशत की वृद्घि का अनुमान है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज मेट्रोपोलिस के बी2सी सेगमेंट की वृद्घि को लेकर आश्वस्त है। छोटी परिसंपत्तियों की खरीदारी और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अनुबंधों (सरकार के स्वामित्व वाले एंटीरीट्रोवाइरल थेरेपी केंद्रों से नमूनों की एचआईवी जांच)से अच्छी आय संभावना अन्य सकरात्मक कारक हैं। डॉ. लाल पैथलैब्स मौजूदा विस्तार एवं अधिग्रहणों (हाल में उसने इंदौर स्थित सेंट्रल लैब और गुजरात में अमींस पैथोलॉजी का अधिग्रहण किया है) के जरिये बिक्री वृद्घि और भौगोलिक विस्तार पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी अब पूर्वी और मध्य भारत पर ध्यान केंद्रित कर प्रतिस्पर्धी दिल्ली-एनसीआर (उसके व्यवसाय का 43 प्रतिशत) से जोखिम घटा रही है।
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