मोदी-शी वार्ता से सुधरेंगे रिश्ते | टीई नरसिम्हन और अर्चिस मोहन / मामल्लपुरम/नई दिल्ली October 11, 2019 | | | | |
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए आज दोपहर एयर चाइना बोइंग 747 से चेन्नई पहुंचे। अधिकारियों को उम्मीद है कि दोनों नेता वुहान शिखर वार्ता की भावना को आगे बढ़ाएंगे। मोदी और शी के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता अप्रैल 2018 में वुहान में हुई थी जिससे दोनों पड़ोसी देशों को 73 दिन तक चले डोकलाम सैन्य तनाव से पैदा हुए भरोसे के संकट से बाहर निकलने में मदद मिली थी। मोदी और शी ने शाम को ऐतिहासिक तटीय शहर मामल्लपुरम में पत्थर को काटकर बनाए गए 1,000 साल पुराने परिसर में सैर की और इस दौरान गर्मजोशी से हाथ मिलाया। भारत ने उम्मीद जताई कि इससे चीन को कश्मीर मुद्दे पर भारतीय पक्ष को समझने में मदद मिलेगी। दूसरी ओर चीन भारतीय बाजार में अपने उत्पादों के लिए पहुंच चाहता है। अमेरिका के साथ व्यापार तनाव के कारण उसके लिए भारत बहुत अहम हो गया है। हालांकि इस शिखर वार्ता से पहले के घटनाक्रम अनुकूल नहीं रहे हैं। हाल में चीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मेजबानी की थी। वह अगस्त से अब तक तीन बार चीन जा चुके हैं। इस दौरान कश्मीर पर शी की टिप्पणी भी भारत को नागवार गुजरी थी। भारत के बाद शी का शनिवार शाम को नेपाल जाने का कार्यक्रम है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों नेता विश्वास बढ़ाने के उपायों, सीमा विवाद और व्यापार मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आसियान देशों और भारत तथा चीन सहित उनके छह व्यापारिक साझेदारों के बीच बैंकॉक में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) मुक्त व्यापार समझौते को लेकर वार्ता हो रही है। इसमें इन देशों के वाणिज्य मंत्री शिरकत कर रहे हैं। हालांकि मोदी और शी के बीच शिखर वार्ता का पहले दिन दोनों नेताओं ने केवल ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन किया। इस दौरान मोदी तमिलनाडु की परंपरागत पोशाक वेष्टि में थे जबकि शी ने सफेद कमीज और काली पतलून पहन रखी थी।
विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में अनौपचारिक शिखर वार्ता के स्वच्छंद माहौल में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच रिश्ते गहरे होंगे और इससे भारत तथाचीन के रिश्तों का भविष्य तय होगा।' शनिवार को दोनों नेता पहले अकेले में बातचीत करेंगे और फिर प्रतिनिधि स्तर की वार्ता होगी। यह कवायद करीब छह घंटे तक चलेगी। बातचीत के बाद दोनों पक्ष अलग से बयान जारी कर सकते हैं। मोदी सुबह 11 बजे चेन्नई पहुंचे और फिर हेलीकॉप्टर से ईस्ट कोस्ट रोड गए। वहां से वह सड़क मार्ग से शिखर वार्ता के स्थल ताज फिशरमेन कोव पहुंचे। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं तमिलनाडु की महान भूमि पर आकर खुश हूं जो अपनी शानदार संस्कृति और आवाभगत के लिए जानी जाती है। '
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शाम करीब पांच बजे महाबलीपुरम पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी अगवानी की और अर्जुन के तपस्या स्थल के सामने हाथ मिलाया। मोदी ने शी के स्वागत को लेकर चीनी और तमिल भाषा में भी ट्वीट किया। प्रधानमंत्री ने महाबलीपुरम के स्मारकों में चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए तमिलनाडु की परंपरागत वेषभूषा- सफेद धोती, सफेद कमीज और एक अंगवस्त्र पहनी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने मेहमान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए पर्यटक गाइड की भूमिका निभाई। वह चेन्नई से करीब 60 किलोमीटर दूर महाबलीपुरम में स्मारकों के बारे में शी को बता रहे थे। मोदी ने शी की अर्जुन के तपस्या स्थल के निकट अगवानी की और उन्हें चट्टानों को काटकर बनाए गए मंदिर के अंदर लेकर गए। वे चीनी नेता को मंदिर की विशेषताएं बताते हुए नजर आ रहे थे। मोदी पेशेवर गाइड की तरह शी को बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई तस्वीरों के बारे जानकारी दे रहे थे।
इसके बाद दोनों नेता कृष्ण की मक्खन की गेंद के पास गए। इस पत्थर के गोले का वजन करीब 250 टन है, जो थोड़ेढलान पर रखा है। हालांकि ऐसा लग सकता है कि यह यह गोला कब भी लुढ़क सकता है, लेकिन यह सदियों से ऐसे ही रखा है। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से कुछ दूरी तय कर पांच रथों के पास पहुंचे। दोनों नेता एक संक्षिप्त बातचीत के लिए बैठे और कच्चा नारियल पानी पीया। मोदी पारिवारिक सदस्य या दोस्त की तरह शी को टिश्यू पेपर दे रहे थे। इसके बाद दोनों नेता कार से शोर मंदिर गए, जो समुद्र के पास स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 700-728 ईस्वी में हुआ था। इस मंदिर में तीन गुफाएं हैं, जिनमें से दो भगवान शिव और एक विष्णु के लिए है। अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं ने बिना किसी एजेंडे के अकेले में अनौपचारिक बातचीत की। विदेश मामलों के मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यह दोनों नेताओं के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन है। पहली बैठक पिछले साल अप्रैल में चीन के वुहान में हुई थी। दोनों नेता बिना किसी निर्धारित एजेंडे के कई विषयों पर बातचीत करेंगे।'
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक में कश्मीर जैसे कुछ निश्चित मुद्दों के अलावा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि महाबलीपुरम में बैठक के आयोजन का फैसला प्रधानमंत्री का था और ऐसी अनौपचारिक बैठकों का सकारात्मक असर पड़ता है। ऐसी अनौपचारिक बैठक केवल चीन के साथ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल चीन के वुहान में बैठक के बाद कुछ सकारात्मक घटनाक्रम विशेष रूप से द्विपक्षीय मुद्दों में सामने आए हैं। दोनों नेताओं को चर्चा का यह प्रारूप पसंद है क्योंकि यह ज्यादा व्यक्तिगत है और इसमें मुक्त रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
दोनों के बीच शनिवार को सुबह 10.50 से 11.40 के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी और अनौपचारिक बैठक दोपहर के भोजन और दोनों तरफ से अलग-अलग बयान जारी किए जाने के बाद समाप्त हो जाएगी। वहीं व्यापार के मोर्चे पर क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी पर चर्चा होने की संभावना है। चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
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